जेडीयू में पूर्व मंत्री हुए शामिल .
पटना. बिहार में दल बदल का खेल शुरू हो गया है. इसी कड़ी में पांच बार विधायक रह चुके राजद के नेता व पूर्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी और कांग्रेस के तीन बार के राजेश राम जदयू का दामन थाम लिया.जदयूकार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में जदयूके वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति ये बताने को काफी थी कि जदयू के लिए इन दोनों नेताओ के आने की अहमियत क्या है. इन दोनों को बिहार सरकार के मंत्री और जदयूके वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. सीएम नीतीश कुमार की टीम का हिस्सा होने से उत्साहित इन दोनों ही नेताओं ने नीतीश कुमार और जदयू के तारीफों के पुल बांध दिए.
जदयू का दामन थामने के बाद पूर्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी ने कहा, ‘मैं विचारधारा की वजह से जेडीयू में खिंचा चला आया हूं. कई चीजें हैं जिनसे बाध्य होकर मैं यहां आया हूं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 सालों में महिलाओं और राज्य की विकास के लिए जो काम किया है, वो अतुलनीय है. उन्हीं बातों ने मुझे बाधित किया और मेरी समझ में ये बात आई कि मैं अंधों की तरह चल रहा था. ठेस लगने पर समझ आया कि सही क्या है. अब मैं नीतीश जी के साथ रहकर पार्टी को मजबूत करने का काम करूंगा.’
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वहीं, कांग्रेस नेता राजेश राम ने कहा, ‘मैं जेडीयू से 2005 से जुड़ा हुआ था. 2015 के गठबंधन के तहत कांग्रेस से जुड़ा और आज फिर अशोक चौधरी के सानिध्य में यहां उपस्थित हूं.’ बता दें कि यह जदयूके लिए भी महत्वपूर्ण मौका था. दरअसल दोनों नेता दलित समुदाय से आते हैं. जदयूकी तरफ से ये बताने में देरी भी नहीं हुई कि जदयू ही दलितों की सच्ची हिमायती पार्टी है. वहीं,जदयूके नेता ये भी बताने से नही चुके कीजदयू के प्रति दूसरे दलों के नेताओं में रुझान दिखता है.
बहरहाल मौसम भले ही चुनावी नहीं है, लेकिन बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी जदयू में दूसरे दल के नेताओं के आने के सिलसिले से ये साफ है की जदयूलगातार अपने को मजबूत करने की कवायद में जुट गई है. खासकर ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद यह क्रम और भी तेज होने के कयास लगाए जा रहे हैं.
बता दें कि मुनेश्वर चौधरी सारण जिला के गड़खा सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं. 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार मुनेश्वर चौधरी चुनाव जीते थे. दूसरी जीत 1990 में निर्दलीय के तौर पर हुई. 1995, 2000 और 2015 के चुनाव में उनकी जीत राजद उम्मीदवार की हैसियत से हुई. 2020 में राजद ने टिकट नहीं दिया. तब वे पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी से चुनाव लड़े और तीसरे स्थान पर रहे. चौधरी 2015 में नीतीश कैबिनेट में राजद कोटा से खनन मंत्री बने थे.