अंतराष्ट्रीय

अमेरिका, भारत, चीन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया में बढ़े डेल्टा वैरिएंट के केस

नई दिल्ली. कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट ने इस वक्त पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. जो देश कुछ महीने पहले तक सभी प्रतिबंध हटा चुके थे, उन्हें अब एक बार फिर प्रतिबंधों की शुरुआत करनी पड़ रही है. दुनिया के सबसे ताकतवर देश कहे जाने वाले अमेरिका में बीते 6 महीने में इस वक्त सबसे ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. वहीं चीन में मंगलवार को बड़ी संख्या में नए मामले आए हैं. बीते साल कोरोना आउटब्रेक पर लगाम लगाने के बाद अब चीनी सरकार डेल्टा वैरिएंट को लेकर सख्त प्रतिबंध लगा रही है.

इसके अलावा फ्रांस में भी एकाएक नए मामलों की संख्या बढ़ी है. फ्रांस में कोरोना की चौथी लहर को रोकने के लिए वहां की सरकार ने इमरजेंसी प्लान बनाया है. मेडिकल स्टाफ को सपोर्ट करने के लिए सरकार पैकेज का ऐलान भी कर रही है. साथ ही ऑस्ट्रलिया भी डेल्टा वैरिएंट से जूझ रहा है. मंगलवार को ही भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बताया है कि देश के 9 राज्यों के 37 जिलों में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. इसमें से 11 जिले केरल राज्य से हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 135 देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चेतावनी दी है.

इससे पहले अमेरिकी स्वास्थ्य प्राधिकार के एक आंतरिक दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा गया है कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट बाकियों की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और चेचक की तरह आसानी से फैल सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के दस्तावेज में अप्रकाशित आंकड़ों के आधार पर दिखाया गया है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की सभी खुराकें ले चुके लोग भी बिना टीकाकरण वाले लोगों जितना ही डेल्टा स्वरूप को फैला सकते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि डेल्टा स्वरूप, ऐसे वायरस की तुलना में अधिक फैलता है जो मर्स, सार्स, इबोला, सामान्य सर्दी, मौसमी फ्लू का कारण बनता है और यह चेचक की तरह ही संक्रामक है. दस्तावेज के मुताबिक बी.1.617.2 यानी डेल्टा स्वरूप और गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है. ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने एक संघीय अधिकारी का हवाला देते हुए कहा था कि दस्तावेज के निष्कर्ष ने डेल्टा स्वरूप को लेकर सीडीसी के वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं.

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