भारत में बूस्टर डोज को लेकर विचार

नई दिल्ली. दुनियाभर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के प्रकोप के बीच भारत में बूस्टर डोज को लेकर विचार हो रहा है. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉलने मंगलवार को कहा कि भारत स्थितियों पर निगाह रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि भारत में बूस्टर डोज की जरूरत पर हाल ही में कोविड टास्क फोर्स के भीतर चर्चा हुई है.
डॉ. पाल ने कहा-हम बूस्टर डोज की जरूरत की वैज्ञानिकता पर विचार कर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे स्थगित करने की अपील की है. सबसे बड़ी बात ये देखनी होगी कि बूस्टर डोज की जरूरत किसे है? कह सकते हैं कि इस मामले पर काम चल रहा है.
बता दें कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कोविड-19 टीकों की बूस्टर खुराक दिए जाने को स्थगित करने का आह्वान किया था. संगठन ने ऐसा इसलिए कहा था जिससे उन देशों में लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा सके जहां कम लोगों को अब तक टीके लगे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधोनम गेब्रेयेसस ने यह अपील अधिकतर अमीर राष्ट्रों से कि जो टीकाकरण की संख्या के लिहाज से विकासशील देशों से काफी आगे हैं. ग्रेबेयेसस ने कहा कि ऐसे देश कम से कम सितंबर के आखिर तक बूस्टर डोज दिए जाने से बचें.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ज्यादा आय वाले देशों ने मई में प्रत्येक 100 लोगों में लगभग 50 डोज दिए हैं और जबकि नंबर इसका दोगुना है. वहीं कम आय वाले देशों में आपूर्ति की कमी के चलते यह अनुपात 100 लोगों पर सिर्फ 1.5 खुराक ही हैं.
इस बीच डेल्टा वैरिएंट के मामले दुनियाभर में बढ़ रहे हैं. अमेरिका में बीते 6 महीने में इस वक्त सबसे ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. वहीं चीन में मंगलवार को बड़ी संख्या में नए मामले आए हैं. इसके अलावा फ्रांस में भी एकाएक नए मामलों की संख्या बढ़ी है. ऑस्ट्रलिया भी डेल्टा वैरिएंट से जूझ रहा है. मंगलवार को ही भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बताया है कि देश के 9 राज्यों के 37 जिलों में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. इसमें से 11 जिले केरल राज्य से हैं.