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हेरिटेज ट्रेन फिर से छुक-छुक करने लगीमालवा की खूबसूरत वादियों में

इंदौर के आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए करीब 17 माह बाद महू से कालाकुंड के लिए हेरिटेज ट्रेन का परिचालन शुरू कर दिया गया है. कोरोना संक्रमण के कारण यह ट्रेन मार्च 2020 को बंद कर दी गई थी. रेलवे के पीआरओ खेमराज मीणा के मुताबिक इस बार ट्रेन में दो एसी चेयर कार, विस्टाडोम कोच और तीन नॉन एसी कोच लगाए गए हैं.

विस्टाडोम कोच को सी-1, सी-2 जबकि नॉन एसी कोच को डी-1, 2, 3 नाम दिया गया है. इसमें एसी चेयर कार का किराया 265 रुपए है, जबकि नॉन एसी चेयर कार का किराया 20 रुपए प्रति टिकट है. हैरीटेज ट्रेन डेली सुबह 11.05 बजे महू स्टेशन से रवाना होती है और 01.05 बजे कालाकुंड पहुंचती है. फिर कालाकुंड से शाम 03.34 बजे रवाना होकर शाम 04.30 बजे महू पहुंचती है.

जैसे ही लोगों को इस ट्रेन के चलने का पता लगा तो वो परिवार सहित सफर करने के लिए महू पहुंच गए. मौसम सुहाना होने की वजह से लोगों ने बड़ी संख्या में हेरिटेज ट्रेन में सफर का लुत्फ लिया. इंदौर और आसपास के जिलों से आए सैलानियों ने ट्रेन में बैठे-बैठे ही पातालपानी झरने की खूबसूरती को करीब से निहारा, जिससे वे रोमांचित हो उठे.

रेलवे ने 145 साल से ज्यादा पुराने पातालपानी-कालाकुंड मीटर गेज ट्रेन के ट्रैक को हेरिटेज रूट के रूप में संवारा है. महू से कालाकुंड के बीच स्टेशनों के साथ ही ब्रिज और पुरानी सुरंग को भी नया रूप दिया गया है. इस ट्रेन से प्राकृतिक और ऐतिहासिक नजारों को निहारने का मौका लोगों को मिल रहा है.
इस रूट पर देश की आजादी के जन नायक और आदिवासियों के हीरो टंट्या मामा भील की समाधि पर रुकने के लिए रेलवे स्टेशन बनाया गया है. टंट्या मामा भील की वीरता को देखते हुए अंग्रेजों ने उन्हें इंडियन रॉबिन हुड का नाम दिया था. इसके अलावा यात्री टनल के पहले बने ब्रिज का खूबसूरत ​नजारा भी देख रहे हैं.

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