उत्तर प्रदेश

समाज कल्याण अधिकारियों और 11 निजी कॉलेजों पर एफआईआर ,छात्रबृत्ति घोटाला

गाजियाबाद. विशेष जांच दल ) ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और 11 निजी कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. वर्ष 2013 से 2017 के बीच गाजियाबाद के पीजीडीएम कोर्स कराने वाले संस्थानों में स्कॉलरशिप और फीस रिफंड का घोटाला हुआ था. तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी ने एक शिकायत पर स्कॉलरशिप, फीस रिफंड में निजी संस्थानों से मिलकर समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों पर करोड़ों के घोटाले की जांच कराई थी.

19 जून 2019 को इस मामले की जांच शासन ने एसआईटी को सौंप दी थी. एसआईटी जांच में साफ हुआ कि स्कॉलरशिप, फीस रिफंड लेने के लिए फर्जी छात्रों के एडमिशन कॉलेजों ने दिखाए, जिसको समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने वेरिफाई भी किया. एसआईटी के फिजिकल वेरिफिकेशन में 45 फीसदी लाभार्थी छात्र फर्जी निकले.

एफआईआर में आरोप है कि सभी आरोपियों ने मिलीभगत करके घोटाले किए, 626 छात्रों के फिजिकल वेरिफिकेशन में 45 फीसदी के पास कोई प्रमाणपत्र नहीं मिले. स्कॉलरशिप और फीस रिफंड के लिए पांच तरह की कैटगरी तय की गई थी, जिसमें ज्यादातर लाभार्थी उपयुक्त नहीं थे लेकिन फर्जी प्रमाण पत्रों से उनको स्कॉलरशिप और फीस रिफंड देकर करीब 58 करोड़ रुपये का सरकारी धन हड़पा गया.

इनके खिलाफ दर्ज हुआ केस

गाजियाबाद के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी पारितोष कुमार श्रीवास्तव उर्दू अनुवादक जाकिर हुसैन समाज कल्याण विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी
साहिबाबाद के वीएलएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के रजिस्ट्रार कपिल गर्ग व अन्य कर्मचारी एनआईएमटी इंस्टीट्यूट एंड मैनेजमेंट के चेयरमैन कुंवरपाल सिंह व अन्य आईटीईआरसी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एनसीआर बिजनेस स्कूल न्यू एरा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी एचआर इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज एचएलएम बिजनेस स्कूल इंस्टीट्यूट ऑफ़ प्रोफेशनल एक्सीलेंस एंड मैनेजमेंट शिवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज भगवती इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस मैनेजमेंट एंड रिसर्च ट्रिनिटी कॉलेज फ़ॉर मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी

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