राज्य
6 बातों पर टिका है आगे का रास्ता, 16 साल से अटका GST बिल 7 घंटे की बहस और 33 सांसदों की स्पीच के बाद राज्यसभा से पास
नई दिल्ली.GST बिल बुधवार को राज्यसभा में पास हो गया। 16 साल बाद अब GST पर कानून बनेगा। बिल के सपोर्ट में राज्यसभा में 197 मेंबर्स ने वोट किया। वोटिंग से पहले सिर्फ AIADMK ने वॉक आउट किया। बिल पर करीब साढ़े सात घंटे चर्चा हुई। इसमें 33 सांसदों ने हिस्सा लिया। अरुण जेटली ने बिल पेश करते हुए कहा कि ये अब तक का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म है। पीएम ने ट्वीट कर सभी पार्टियों के नेताओं को थैंक्स कहा। बता दें कि सरकार इसे 1 अप्रैल तक लागू करना चाहती है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि पूरी प्रॉसेस में अक्टूबर 2017 तक का वक्त लगेगा, क्योंकि लोकसभा, आधे राज्यों से मंजूरी और तीन तरह के कानून बनाने जैसी 6 बातों पर बिल का आगे का रास्ता टिका है। चिदंबरम ने कहा- रेट 18% से ज्यादा नहीं बढ़ाया जाए…
– बता दें कि 16 साल पहले वाजपेयी सरकार ने जिस गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) विधेयक की नींव रखी थी, उसके संसद से पास होने का इंतजार नौ साल से हाे रहा था।
– 20 तरह के इनडायरेक्ट टैक्स खत्म कर ‘एक देश, एक टैक्स’ की थीम पर बने जीएसटी बिल में सरकार ने 9 बदलाव किए।
सरकार का दावा- 1 अप्रैल 2017 से लागू, एक्सपर्ट बोले- अक्टूबर 17 से पहले मुमकिन नहीं
1# अब फिर लोकसभा :राज्यसभा से पास बिल लोकसभा में पारित बिल से अलग है। बदलावों पर मंजूरी के लिए इसे दोबारा लोकसभा से पास कराना होगा।
2# आधे राज्यों की मंजूरी :यह संविधान संशोधन है। इसलिए फाइनल ड्राफ्ट राज्यों को भेजा जाएगा। 29 में से आधे यानी 15 राज्यों की विधानसभा में मंजूरी जरूरी है। अभी 14 राज्यों में बीजेपी और सहयोगियों की और 7 में कांग्रेस की सरकार है।
3# फिर राष्ट्रपति :बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा। मुहर लगते ही संविधान में संशोधन हो जाएगा।
4# तब जीएसटी काउंसिल बनेगी:इसमें राज्यों और केंद्र के प्रतिनिधि होंगे। काउंसिल जीएसटी की दर सहित अन्य मुद्दों को अंतिम रूप देगी।
5# इसके बाद तीन कानून बनेंगे :इसी के आधार पर जीएसटी लागू करने के लिए जरूरी तीन कानून बनाए जाएंगे। इनमें से दो सीजीएसटी और आईजीएसटी के लिए केंद्र कानून बनाएगा। वहीं, एसजीएसटी के लिए सभी राज्य अलग-अलग कानून बनाएंगे। इसके साथ ही कानूनी प्रक्रिया पूरी होगी।
6# आईटी सेटअप और अधिकारियों को ट्रेनिंग :इसके बाद कारोबारियों को सिस्टम समझाने की व्यवस्था करनी होगी। केंद्र का दावा है कि 1 अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू होगा। पर विशेषज्ञ मान रहे अक्टूबर से पहले से यह मुमकिन नहीं है।
3# फिर राष्ट्रपति :बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा। मुहर लगते ही संविधान में संशोधन हो जाएगा।
4# तब जीएसटी काउंसिल बनेगी:इसमें राज्यों और केंद्र के प्रतिनिधि होंगे। काउंसिल जीएसटी की दर सहित अन्य मुद्दों को अंतिम रूप देगी।
5# इसके बाद तीन कानून बनेंगे :इसी के आधार पर जीएसटी लागू करने के लिए जरूरी तीन कानून बनाए जाएंगे। इनमें से दो सीजीएसटी और आईजीएसटी के लिए केंद्र कानून बनाएगा। वहीं, एसजीएसटी के लिए सभी राज्य अलग-अलग कानून बनाएंगे। इसके साथ ही कानूनी प्रक्रिया पूरी होगी।
6# आईटी सेटअप और अधिकारियों को ट्रेनिंग :इसके बाद कारोबारियों को सिस्टम समझाने की व्यवस्था करनी होगी। केंद्र का दावा है कि 1 अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू होगा। पर विशेषज्ञ मान रहे अक्टूबर से पहले से यह मुमकिन नहीं है।
चिदंबरम ने क्या कहा?
– यूपीए सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर रहे पी चिदंबरम ने जेटली के बाद इस बहस में हिस्सा लिया।
– चिदंबरम ने कहा, ”हमारी पार्टी इस बिल को सपोर्ट करेगी, लेकिन स्टैंडर्ड रेट 18% से ज्यादा नहीं बढ़ाया जाए। हमने (कांग्रेस) कोशिश की थी। मुख्य विपक्ष को साथ रखते हुए, लेकिन हम फेल हो गए।”
– ”अब सरकार 18 महीने से कोशिश कर रही थी, लेकिन वे भी फेल रहे। यह एक सीरियस डिबेट की शुरुआत होगी। आप लोगों ने मुख्य विपक्ष को इससे अलग रखा था।
– ”कांग्रेस ने जीएसटी के आइडिया का कभी विरोध नहीं किया। सबसे पहले 2011 में प्रणब मुखर्जी इसे लेकर आए थे। बीजेपी ने अपोज किया था। 2014 में जब ये आया तो हमने कहा कि और परफेक्ट बिल चाहिए।”
– ”कांग्रेस ने जीएसटी के आइडिया का कभी विरोध नहीं किया। सबसे पहले 2011 में प्रणब मुखर्जी इसे लेकर आए थे। बीजेपी ने अपोज किया था। 2014 में जब ये आया तो हमने कहा कि और परफेक्ट बिल चाहिए।”
– ”उम्मीद है कि फाइनेंस मिनिस्टर जीएसटी नंबर के बल पर नहीं, बल्कि तर्कों के आधार पर पास करेंगे। यह बिल किसी केंद्रीय वित्त मंत्री या राज्य के वित्त मंत्री का मामला नहीं है। इसमें देश के लोगों की चिंता है।”
मोदी ने सभी पार्टियों को कहा- शुक्रिया
– बिल पास होने के बाद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ”राज्यसभा में जीएसटी बिल पास होने के एेतिहासिक मौके पर मैं सभी पार्टी के नेताओं और मेंबर्स को धन्यवाद देता हूं।”
– ”हमारे MPs इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने 21वीं सेन्चुरी में भारत को एक इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम देने में अहम फैसला लिया।”
– ”हमारे MPs इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने 21वीं सेन्चुरी में भारत को एक इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम देने में अहम फैसला लिया।”
– ”जीएसटी को-ऑपरेटिव फेडरेलिज्म का सबसे अच्छा उदाहरण होगा। एक साथ मिलकर हम भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।”
– ”जीएसटी से मेक इन इंडिया को भी फायदा होगा। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।”