कॉलोनी में पलायन करने के लगा दिए पोस्टर
मुरादाबाद. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित थाना कटघर इलाके की एक कॉलोनी में पलायन करने के पोस्टर लगा दिए गए हैं. लाजपत नगर शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले 81 परिवारों ने सामूहिक रूप से अपने मकान बिकाऊ कर पलायन के पोस्टर लगा दिए. कॉलोनी में रहने वाले लोगों का आरोप है कि कॉलोनी के दोनों मुख्य गेट पर बने मकानों को विशेष समुदाय के व्यक्तियों द्वारा 3 गुना अधिक कीमत देकर खरीद लिया गया है. अब यह विशेष समुदाय के लोग यहां मांसाहारी खाना खाकर उसके अवशेष कॉलोनी के आसपास डाल देंगे, जिससे कॉलोनी में गंदगी होगी. कॉलोनी में सभी लोग शाकाहारी खाना खाने वाले हैं.
मुरादाबाद के लाजपत नगर जैसी पॉश कॉलोनी में अक्सर लोग मकान खरीदते-बेचते रहते हैं. इस कॉलोनी में सभी समुदाय के लोगों के मकान हैं. इसी कॉलोनी से जुड़ी दूसरी कॉलोनी शिव विहार के कॉर्नर पर बना एक मकान दूसरे समुदाय के व्यक्ति द्वारा खरीद लिया गया, जिसके बाद कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा खरीदे गए मकान की रजिस्ट्री कैंसिल कराने की मांग को लेकर कॉलोनी के गेट पर सामूहिक पलायन के पोस्टर बैनर लगा दिए हैं. पोस्टर बैनर लगाने वाले लोगों का कहना है कि वह साफ-सुथरा रहते हैं और दूसरे समुदाय के लोग उनकी तरह नहीं रह सकते. वह शाकाहारी खाना खाते हैं और दूसरे समुदाय के लोग मांसाहारी खाना खाते हैं. वह यहां गंदगी करेंगे. इसीलिए वह यह मांग कर रहे हैं या तो सरकार और जिला प्रशासन दूसरे समुदाय के व्यक्ति द्वारा खरीदे गए मकान की रजिस्ट्री कैंसिल करें या फिर वह अपनी कॉलोनी के 81 मकान सामूहिक रूप से बेचकर कहीं और जाने के लिए मजबूर होंगे.
कॉलोनी के लोगों का आरोप है कि 50 लाख का मकान 3 करोड़ में ख़रीदा जा रहा है. सरकार जांच करे कि आख़िर इनके पास इतना पैसा कहां से आ रहा है. पलायन करने के पोस्टर लगाने वालों का कहना है कि हम लोगों ने आपस में ही तय किया है कि अगर एक एक दो दो करके मकान बेचेंगे तो कम पैसा मिलेगा. इसीलिए वह सब एक साथ कॉलोनी के मकान बेचने के लिए मजबूर हैं, ताकि उन्हें इसके अच्छे पैसे मिल जाएं और वह कहीं और जाकर रहने लगें.
कॉलोनी में रहने वाले पाकिस्तान से आए शरणार्थी गौरव चड्ढा का कहना है कि वह पाकिस्तान छोड़कर हिंदुस्तान आए थे और अब इस कॉलोनी का माहौल बिगड़ रहा है. मुरादाबाद के लाजपत नगर जैसी पॉश कॉलोनी में लगा यह पोस्टर कहीं आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक पार्टी का मुद्दा न बन जाए.