चीन पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर का बलोचिस्तान में भारी विरोध,

ग्वादर: पाकिस्तान को लेकर इनका कहना है कि चीन पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर के कारण ग्वादर के लोगों की नौकरियां जा रही हैं।प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम फंस गए हैं। बलोचिस्तान के लोगों के पास चुनने के सिर्फ दो विकल्प हैं। या तो समुद्र में डूब जाएं या फिर शैतान की गोद में बैठ जाएं। सीपीईसी एक ऐतिहासिक समस्या है।’
इस विरोध प्रदर्शन को लीड कर रहे मछुआरों का कहना है कि सीपीईसीके आने के साथ हमें बेहतरी का यकीन दिलाया गया था लेकिन बाद में सब हवा में गायब हो गया। इसके उलट दिक्कत इतनी बढ़ गई है कि अब पेट भरने में दिक्कतें आ रही है। 2003 में सीपीईसी की स्थापना से पहले हम मछुआरे लाखों रुपये कमाते थे लेकिन सरकार ने हमें झटका दिया है। पाकिस्तान सरकार चीन को ग्वादर बंदरगाह के आसपास के इलाके नियंत्रण को दे रही है। हमें मछली पकड़ने वाले इलाकों से हटा दिया गया है।
एक प्रदर्शनकारी ने पाक पीएम इमरान खान से कहा, ‘अगर आप ग्वादर के लोगों से इतनी नफरत करते हैं तो हमें हिटलर की तरह एक जगह जमा करके जहरीली गैस देकर मार दें। और अगर आप यह नहीं कर सकते तो हमारे साथ नफरत करना बंद कीजिए।’
बता दें कि बलोचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है। 1948 में पाकिस्तान ने बलोचिस्तान पर कब्जा कर लिया गया था। स्थानीय लोगों के कड़े प्रतिरोध के बावजूद, इस्लामाबाद ने सेना के बल पर बलोचिस्तान पर कब्ज़ा किया हुआ है। बलोचिस्तान में खनिज और गैस के भंडार हैं। यह क्षेत्र पाकिस्तान की गैसीय जरूरतों के बड़े हिस्से को पूरा करता है लेकिन बदले में बलोचिस्तान को सिर्फ भेदभाव और उत्पीड़न मिलता रहा है।