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एक शख्स ने बसा दिया पूरा गांव

कोडरमा जिला के मरकच्चो प्रखंड में एक गांव बसा है नादकरी. आजकल इस गांव के दो टोला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. इस गांव में दो टोला है, ऊपर टोला और नीचे टोला. चर्चा का विषय बनना भी लाजमी है, क्योंकि नादकरी गांव शायद देश का पहला गांव ही होगा, जहां दोनों टोलों को मिला कर करीब 1300 लोग रहते हैं, और ये सभी एक ही खानदान के बताए जाते हैं.

स्थानीयों लोगों की मानें तो साल 1905 में झारखंड के ही गिरिडीह जिला के रेम्बा से इनके पूर्वज उत्तीम मियां यहां आये थे. उस वक्त इस जगह पर जंगल हुआ करता था. वे लोग यही खेती-बाड़ी करते थे और अपना जीवन यापन करते थे. अगर उत्तीम मियां के परपोते मतीन अंसारी की मानें तो उनके परदादा उत्तीम मियां के पांच बेटे थे. उन पांचों के मिलाकर कुल 26 बेटे हुए और उन छब्बीसों के 100-125 हुए और अभी वर्तमान में खानदान इतना बड़ा हो चुका है कि गिनती के आंकड़े भी गड़बड़ा जाते हैं.

मतीन बताए हैं कि इस गांव में लगभग 1300 लोग हैं और सभी एक हीं खानदान से हैं. खास बात यह भी है कि इतना बड़ा खानदान (परिवार) होने के बावजूद आपस किसी प्रकार की कोई परेशानी नही होती. सब मिलजुल कर रहते हैं. अब बात अगर किसी खास अवसर की करें तो गांव के दो-दो टोला में एक ही खानदान के लोगों के होने से छोटे से छोटे अवसर पर भी यहां मेले जैसा दृश्य बन जाता है. सभी लोग एकत्रित होकर किसी भी अवसर या पर्व को मानते हैं.

इसी खानदान के बुजुर्ग सहजाद बताते हैं कि जब से नादकरी गांव बना है तब से आज तक कभी पक्का सड़क इस गांव में नहीं बना. किसी के बीमार पड़ने पर कच्चे और गड्ढे वाले रास्ते से ही इलाज के लिए ले जाने को मजबूर होते हैं.

 

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