मोदी सरकार खाद्य तेलों की कीमतें काबू में करने के लिए कर रही उपाय
नई दिल्ली : खुदरा बाजार में खाद्य तेल की कीमतों को कम करने के लिए मोदी सरकार लगातार एक्शन में है। सरकार ने पिछले महीने कच्चे पाम तेल पर सीमा शुल्क 35.75 फीसद से घटाकर 30.25 फीसद और रिफाइंड पाम तेल पर 49.5 फीसद से घटाकर 41.25 फीसद कर दिया था। इसके अलावा, रिफाइंड पाम तेल के आयात प्रतिबंध को भी 31 दिसंबर तक हटा दिया गया है।
सरकार ने बुधवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में अबतक देश में कच्चे पाम तेल का आयात लगभग 10 फीसद बढ़कर 20.91 लाख टन से अधिक हो गया है तथा सीमा शुल्क विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि बंदरगाहों पर कोई रुकावट न हो और आयात मंजूरी लगभग 3-4 दिनों में दी जाए। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हाल की अवधि में कच्चे पाम तेल के आयात में ‘उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें 30 जून से 12 जुलाई के बीच 39 फीसद से अधिक की वृद्धि हुई है। सरकार ने खुदरा बाजारों में खाद्य तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए 30 जून को पाम तेल के सीमा शुल्क में कटौती की थी।
व्यापार को सुविधाजनक बनाने और मंजूरी में तेजी लाने के लिए, सभी सीमा शुल्क क्षेत्रों में नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है और सुचारू निकासी के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया भी लागू की गई है। बयान में कहा गया है, ”यह देखा गया है कि खाद्य तेल के लिए आयात मंजूरी का समय मौजूदा दौर में घटकर लगभग 3-4 दिन रह गया है।…यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बंदरगाहों पर कोई रुकावट न हो।
सीमा शुल्क विभाग भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ तालमेल कर खाद्य तेलों के आयात की मंजूरी की लगातार निगरानी कर रहा है। इसके अलावा, यह नियमित रूप से उद्योग संघों के साथ भी संपर्क में है। मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 12 जुलाई, 2021 के बीच कच्चे पाम तेल का आयात 9.89 फीसद बढ़कर 20.91 लाख टन से अधिक हो गया। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आयात 19.03 लाख टन था। इसमें कहा गया है कि 30 जून से 12 जुलाई के बीच आयात 39.09 फीसद बढ़कर 4.04 लाख टन से अधिक हो गया। वर्ष 2020 की तुलनीय अवधि में, 2.90 लाख टन से अधिक कच्चे पाम तेल का आयात किया गया था।