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पंकजा मुंडे का करियर खत्म करने की साजिश: शिवसेना

मुंबई. राज्य की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे को कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने को लेकर शिवसेना ने कहा कि यह उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश है. साथ ही पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में राज्य के दिग्गज नेता नारायण राणे को मिले मंत्रालय पर भी तंज कसा है.केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद शिवसेना ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. इसके अलावा कपिल पाटिल और भारती पवार को मंत्रिपरिषद का सदस्य बनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं.
पीएम मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद भागवत कराड को वित्त राज्य मंत्री बनाया गया है. शिवसेना ने इस कदम को मुंडे के खिलाफ साजिश बताया है. पार्टी ने कहा, ‘श्री भागवत कराड राज्यमंत्री बने. यह पंकजा मुंडे के राजनीतिक जीवन को खत्म करने की साजिश है. गोपीनाथ मुंडे की छत्रछाया में कराड बढ़े. लेकिन प्रीतम मुंडे का विचार न करते हुए कराड को राज्यमंत्री बनाया गया. वंजारी समाज में फूट डालने के लिए और पंकजा मुंडे को सबक सिखाने के लिए क्या यह किया गया?’

राणे को मिले मंत्रालय को लेकर भी शिवसेना ने सवाल उठाए हैं. पार्टी ने कहा है कि पहले लग रहा था कि उन्हें कोई अहम मंत्रालय मिलेगा, लेकिन अब वे ना उद्योग मंत्री हैं, ना व्यापार मंत्री हैं. सामना के अनुसार, ‘यहां राहत की बात है कि उन्हें भारी उद्योग मंत्रालय नहीं दिया गया है. राणे को लघु व मध्यम उद्योग की वर्तमान स्थिति को देखते हुए आगे कदम बढ़ाने होंगे. देश के उद्योग, व्यापार मटियामेट होने की कगार पर हैं. छोटे उद्योगों का तो जीवित रहना मुश्किल हो गया है. ऐसे समय में राणे क्या करेंगे, यह देखना होगा.’ राणे को एमएसएमई मंत्री के तौर पर कैबिनेट में शामिल किया गया है.

पीएम मोदी के मंत्रिपरिषद में कपिल पाटिल और डॉक्टर भारती पवार को भी राज्य मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है. शिवसेना ने कहा है कि यह दो राज्यमंत्री मतलब महाराष्ट्र के निष्ठावान भाजपाइयों के जख्मों पर नमक छिड़कने का ही प्रकार है. ‘कपिल पाटिल और भारती पवार दोनों कल ही राष्ट्रवादी से भाजपा में, और मंत्री बन गए. यही सही मायने में धक्कातंत्र का प्रकार है.’
कानून मंत्रालय का काम देख रहे रविशंकर प्रसाद और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की भी कैबिनेट से छुट्टी हो गई है. इस पर शिवसेना ने कहा कि दोनों वरिष्ठ मंत्रियों को दरकिनार किया गया, यह धक्कादायक है. इस धक्के से दोनों को संभलने की शक्ति मिले, यही प्रार्थना हम कर सकते हैं.
पार्टी ने सामना में लिखा कि मंत्रिमंडल विस्तार को मेगा सर्जरी की उपमा दी गई है. ये वाकई में सर्जरी होती तो वित्त मंत्री और विदेश मंत्रियों को पहले ही घर भेज दिया गया होता. देश की अर्थ व्यवस्था, विदेश नीति की जो दुर्दशा हुई है, ऐसा कभी नहीं हुआ था.
बुधवार को हुए इस फेरबदल में कुल 43 मंत्रियों को शामिल किया गया है. इनमें से 15 को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है. जबकि, 28 को राज्य मंत्री बनाया गया है. खास बात यह है कि इस दौरान पीएम मोदी की नई टीम में युवा चेहरों भरमार है और 36 नए लोग शामिल किए गए हैं. मंत्रिमंडल के कई सदस्यों को प्रमोट भी किया गया. जबकि, बाबुल सुप्रियो, हर्षवर्धन समेत 12 मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा.

 

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