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मोहन टोला गाइड बांध पानी के दबाव से पूरी तरह ध्वस्त, कई गांव होंगे तवाह

बगहा. पश्चिमी चंपारण जिले के मधुबनी प्रखंड के धनहा रतवल गौतम बुद्ध सेतु से पश्चिम मोहन टोला तक जाने वाली गाइड बांध नदी में ज्‍यादा पानी के दबाव से पूरी तरह ध्वस्त हो गया. नदी की तेज धारा के कारण लगभग 200 फीट की दूरी तक बांध कट गई है. फंसे लोगों को उनके घरों से बाहर निकाल कर नदी के दूसरे छोर पर पहुंचाया गया है. गाइड बांध के कटने से सबसे ज्यादा खतरा गौतम बुद्ध मुख्य मार्ग को है. अगर नदी की धार इसी तरह से बनी रही तो गौतम बुद्ध मुख्य मार्ग के पूरी तरह से कटने खतरा हो जाएगा. हालांकि, इसके निर्माण कार्य के लिए एवं कटाव से बचाव के लिए वहां पर अभियंताओं की टीम काम कर रही है. कटाव रोधी काम पूरी काफी युद्ध स्तर से किए जा रहे हैं.

गाइड बांध के बगल में कई परिवार हैं जो अपना घर बना कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वे लोग बांध से सटे बने अपने घरों में सो रहे थे, तब तक नदी का दबाव अचानक इस बांध पर पड़ा और 1 घंटे के अंदर बांध पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. जब बांध कटने लगा तो इन लोगों ने शोर मचाना शुरू किया और वह ऊंचे स्थानों पर भागकर अपनी जान बचाने का प्रयास करने लगे. इसमें फंसे कई लोगों ने फोन पर इसकी जानकारी दी. लोग सूचना पाकर वहां पहुंचे तो वहां फंसे लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया.

बाढ़ नियंत्रण डिवीजन बगहा के कार्यपालक अभियंता विष्णु देव पासवान के नेतृत्व में इंजीनियर्स की टीम वहां पर बाढ़ राहत कार्य एवं बांध बचाने का प्रयास कर रही है. इस कार्य में कई संवेदक भी लगे हुए हैं जो अपने स्तर से जाली भरने का काम तथा हाथी पाव में जिओ बैग भरकर बांध बचाने का प्रयास कर रहे हैं. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि इस बांध पर लगभग 20-25 दिन से दिन-रात काम चल रहा था. नदी की धारा दूसरी ओर थी, लेकिन अचानक नदी की धारा इस ओर मुड़ी और देखते ही देखते बांध को काट दिया. उन्होंने कहा कि हर हालत में बांध को बचा लिया जाएगा. इसके लिए जोर-शोर से बाढ़ राहत कार्य चल रहा है.
अगर गाइड बांध को सही ढंग से नहीं बांधा गया तो नदी की धारा पूरी तरह से पूर्व की ओर मुड़ जाएगी और जैसे ही नदी की धारा मुड़ेगी और सबसे पहले धनहा गौतम बुद्ध मुख्य मार्ग पर इसका प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, इस बीच में पड़ने वाले सैकड़ों एकड़ गन्ने एवं धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद तो होंगे ही लेकिन इस बांध के टूटने से नैनाहा, रेवाहिया, भररवा मंझार, कोलुहा, चिउरहि सहित दर्जनों गांव पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे. नदी की धारा इस ओर मुड़ जाएगी एवं इन गांव को पूरी तरह से बर्बाद कर देगी.

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