शहीद करकरे देश भक्त नहीं: साध्वी प्रज्ञा
भोपाल. भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को एक बार फिर शहीद हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया. सीहोर के टाउन हाल में मीसा बंदी सम्मान समारोह में पहुंचीं साध्वी प्रज्ञा ने कहाकि कहा कि 1975 के बाद 2008 में मालेगांव ब्लास्ट के बाद भी इमरजेंसी जैसे हालात बने थे. मैंने स्वयं उस दर्द को झेला है, क्योंकि उस देशभक्त हेमंत करकरे को लोग देशभक्त कहते हैं, लेकिन जो वास्तव में देशभक्त हैं, वे उसे देशभक्त नहीं कहते. उन्होंने हमें पढ़ाने वाले शिक्षकों व आचार्य की उंगलियां और पसलियां तोड़ दी थीं.
सांसद प्रज्ञा सिंह ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, कांग्रेस की विचारधारा आतंकवाद का साथ देना है. देशभक्तों, साधु-संतों को जेल में डालना, महिलाओं पर अत्याचार करना, गो-हत्या करना, धारा 370 वापस लगाना, यह कांग्रेस की विचारधारा है. बंगाल में वामपंथी व देशद्रोहियों का कांग्रेस साथ देती है. कभी भी कांग्रेसियों की विचारधारा में देशभक्ति नहीं सुनी होगी. आतंकवादियों की मौत पर रोने वाली कांग्रेस की विचारधारा है. जब भी देश में विकास की बात, सामाजिक समरसता की बात होती है, तो कांग्रेस चिल्लाती है कि यह कांग्रेस की विचारधारा है. जो इमरजेंसी मीसाबंदी गए, वह अपने बच्चों समेत समाज को बताएं कि कांग्रेस का असली स्वरूप क्या है. देश विरोधी कांग्रेस की जो विचारधारा है, उसको देश से कांग्रेस को समूल नष्ट करना चाहिए.
प्रज्ञा ने कहा, मुझे लगता है कि जो अपनी उस विचारधारा जो देश के विरुद्ध है, उसे चलाने के लिए कई प्रयत्न किए, लेकिन प्रधानमंत्री व गृहमंत्री सभी का समर्थन उनके साथ है. इसलिए भारत में कोई भी देश विरोधी विचारधार देश में पनप नहीं पाएगी. कांग्रेस की नेता इंदिरा गांधी ने अलोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हथियाने के लिए आज के दिन इमरजेंसी लगाई. आज वो दिवस में जिसमें हमारे देशभक्तों ने जेल में यातनाएं सहीं. उनके सम्मान करने का दिवस है. वहीं, दिग्विजय के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जो उनका 370 लगाने का बयान है, वह शर्मनाक है. उनको इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.
आज भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह के हेमंत करकरे जी को लेकर दिए गए, बयान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट करके कड़ा प्रहार किया. जिस प्रज्ञा सिंह ने अपने कर्मों, आचरणों से भगवा वस्त्र, वास्तविक हिंदुत्व और राष्ट्रधर्म को कलंकित कर दिया है, उन्होंने आज उन्हें शिक्षित करने वाले दिवंगत आचार्य के चेहरे पर भी कालिख पोत दी. अरुण यादव ने कहा कि उनकी शिष्या ने अपने अपराध को छुपाने के लिए अनेकों बम धमाकों में अपने वरिष्ठ सहयोगी संघ प्रचारक सुनील जोशी की भी अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर डाली, वाह शिष्या. धन्य है, भाजपा और उनकी आतंकी धरोहर! मोदी जी, आप प्रज्ञा सिंह को कब तक और कितनी मर्तबा माफ करते रहेंगें