नायडू ने योग को जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया
नई दिल्ली । उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने लोगों से अपने दैनिक जीवन में योग को नियमित हिस्सा बनाने का आह्वान करते हुए कहा है कि यह न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है बल्कि सारे समाज का स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है। श्री नायडू ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सपत्नीक योगाभ्यास किया और कहा कि महामारी के दौर में जब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल आवश्यक है तो योग दैहिक, मानसिक और आध्यात्मिक आरोग्यता का सार्थक माध्यम है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर यहां जारी एक संदेश में कहा कि योग से युक्त, मन मस्तिष्क से विशुद्ध, जिसने स्वयं और इन्द्रियों पर विजय पा ली हो तो वह कर्म करता हुआ भी निर्लिप्त अक्षुण्ण रहता है। उन्होंने संस्कृत की एक उक्ति – ‘योगयुक्तो विशुद्धात्मा विजितात्मा जितेंद्रिय: सर्वभूतात्मभूतात्मा कुर्वन्नपि न लिप्यते’- का उल्लेख करते हुए कहा कि योग विश्व कल्याण के लिए विश्व को भारत की अप्रतिम भेंट है। उप राष्ट्रपति ने कहा, “ महामारी के दौर में जब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल आवश्यक है, योग दैहिक, मानसिक और आध्यात्मिक आरोग्यता का सार्थक माध्यम है। घर पर रह कर ही नित्य योगाभ्यास करें। सावधानी बरतें, सुरक्षित और स्वस्थ रहें।”श्री नायडू ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।” उन्होंने कहा कि योग न केवल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है बल्कि सारे समाज का स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि योग व्यक्ति और राष्ट्र दोनों के लिए हितकारी है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष की थीम ‘आरोग्य के लिए योग’- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के नित्य योगाभ्यास की महत्ता बताती है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर श्री नायडु तथा उनकी पत्नी श्रीमती ऊषा नायडु ने उपराष्ट्रपति निवास पर योगाभ्यास किया। कोरोना महामारी के कारण उप राष्ट्रपति ने किसी सार्वजनिक समारोह में भाग नहीं लिया और अपने आवास पर ही योगाभ्यास किया।