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अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का मान मआइवन ने बढ़ाया

रांची. झारखंड की राजधानी रांची के आइवान अभय मिंज के नाम की अनुशंसा नेपाल इफ्फ़ीद के निदेशक, अनीश श्रेस्टा ने की थी, जो ग्लोबल इंडिजेनस यूथ फ़ोरम में मानद सदस्य भी हैं. विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में आइवान से पहले ही मिल चुके हैं. उनकी अनुशंसा को रोम ने स्वीकार कर लिया और अब आइवान 5 मिनट का स्वागत वक्तव्य को देंगे. आइवान अभय मिंज को फूड एंड ऐग्रिकल्चरल ऑर्गनायजेशन ऑफ द यूनाइटेड नेशन, यूनाइटेड नेशन फूड समिट 2021 तथा ग्लोबल इंडिजेनस यूथ फोरम 2021 के संयुक्त आयोजन में वक्तव्य के लिए आमंत्रित किया गया है. यह ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 16 से 18 जून तक चलेगी.

आइवान ने कहा सेंट जेवियर्स स्कूल डोरंडा में पढ़ता हूं हमारा समाज जो पारम्परिक बीज उपयोग करता है उसे बार बार प्रयोग में लाया जाता है. उसे मार्केट से नही खरीदा जाता है. इसे हम लोग घर के रसोई घर के पास रखते हैं ताकि खराब नही हो. हमारे बच्चे शुरुआत के दिनों से ही बहुत ध्यान से सुनता था और फिर बाद में उसे बोलने की कोशिश करता था. जहां जहां भी हमलोग जाते साथ में लेकर जाते थे, बच्चों को लेकर काफी उत्साहित होकर अपने घर से निकल कर साथ ले जाना चाहिए, ताकि अंदर का डर भय खत्म हो. आदिवासियों की पारंपरिक खाद्य वस्तु के गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मनकों में हाल के दशकों में एक वृहद् आयाम मिला है. इनके पारंपरिक खाद्य वस्तु आनुवंशिक तौर पर प्रतिकूल परिस्थिति में भी सुदृढ़ और जीवित रहने में सक्षम होतीं हैं, इनके पारंपरिक खेती की विधि ने इन्हें कृत्रिम रसायन से दूर रखा है.
यूनाइटेड नेशन फूड समिट यह समझती हैं कि किसी भी समुदाय के भविष्य वहां के युवाओं पर निर्भर करती हैं. आदिवासी युवा आज बेहतर ढंग से नयी तकनीक और पारंपरिक ज्ञान का सामंजस्य बना सकते हैं. ऐसे में आदिवासी युवा पीढ़ी को आगे आना ही होगा. इसलिए इस प्रकार के सम्मेलन में आदिवासी युवाओं का मुखर होना आवश्यक है. 2017 के रोम में आयोजित महत्वपूर्ण सम्मेलन में या साझा तय हुआ था की आदिवासी युवाओं को भी अपने समृद्ध देशज ज्ञान और खाद्य व्यवस्था को संरक्षित और संवर्धन के प्रयास का अवसर प्राप्त हो.

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