भारत बायोटेक का फेज-3 ट्रायल जल्द!

नई दिल्ली. भारत बायोटेक ने शनिवार को कहा कि उसके द्वारा विकसित स्वदेशी कोविड-19 टीका कोवैक्सिन के वैज्ञानिक मानक और प्रतिबद्धता पारदर्शी हैं और अबतक कंपनी टीके की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर नौ अनुसंधान पत्र प्रकाशित कर चुकी है. भारत बायोटेक की सह संस्थापक और संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इला ने ट्वीट किया, ‘‘कोवैक्सिन के वैज्ञानिक मानक और प्रतिबद्धता पारदर्शी है. अकादमिक जर्नल, प्रमुख समीक्षकों, एनआईवी-आईसीएमआर-बी बी अनुसंधानकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने नौ अध्ययन एवं आंकड़ें प्रकाशित किए हैं.’’
भारत बायोटेक ने बयान में कहा कि भारत के नियामकों ने कोवैक्सिन टीके के पहले एवं दूसरे चरण में हुए परीक्षण के संपूर्ण आंकड़ों और तीसरे चरण के आंशिक आंकड़ों की समीक्षा गहनता से की है. बयान में कहा गया, ‘‘ समयबद्ध श्रेष्ठ समीक्षा के लिए कंपनी पहले ही कोवैक्सिन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर गत 12 महीने में नौ अनुसंधान अध्ययन वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पांच श्रेष्ठ समीक्षा जर्नल में प्रकाशित करा चुकी है.’’
भारत बायोटेक ने कहा, ‘‘इस समय कोवैक्सिन के प्रभाव और सुरक्षा को लेकर किए गए तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण एवं संकलन किया जा रहा है. इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि इसकी शुद्धता से कोई समझौता नहीं किया जाए. कंपनी जल्द तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों को सार्वजनिक करेगी.’’
कंपनी ने कहा कि कोवैक्सिन एकमात्र पूरी तरह से निष्क्रिय कोरोना वायरस आधारित टीका और उत्पाद है जिसने भारत में मानव पर हुए परीक्षण के आंकड़े प्रकाशित किए हैं. भारत बायोटेक ने कहा, ‘‘यह एकमात्र उत्पाद है जिसके पास सामने आ रहे वायरस के नए प्रकार को लेकर कोई आंकड़ा है. यह एकमात्र कोविड-19 टीका है जिसका भारतीय आबादी पर प्रभाव को लेकर आंकड़े हैं.’’
कंपनी ने कहा कि भारत बायोटेक ने तीन प्रीक्लीनिकल अध्ययन किए जिसे प्रमुख समीक्षा जर्नल प्रकाशित किया गया. कोवैक्सिन टीके के पहले और दूसरे चरण के परीक्षण को प्रमुख समीक्षा जर्नल ‘प्रकाशित किया गया. कंपनी ने कहा कि कोवैक्सिन के कोरोना वायरस के अन्य प्रकारों को निष्क्रिय करने संबंधी अध्ययन के आंकड़े पहले ही बायोरेक्सिव, क्लीनिकल इंफेक्शियस डीजीज और जर्नल ऑफ ट्रैवेल मेडिसीन में प्रकाशित हो चुके हैं.