कोरोना कर्फ्यू से छूट का मतलब ‘लापरवाही’ की छूट नहीं
कई जिलों मेँ कोरोना कर्फ्यू मेँ ढील मिलते ही लोगों मेँ लापरवाही साफ दिखाई पड रही है। लोगों की लापरवाही को देखकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू से छूट का मतलब ‘लापरवाही’ की छूट नहीं है।
कई जिलों में लोगों के मास्क न लगाने, बाजारों में अनावश्यक भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने जैसी जानकारी मिली है। यह स्थिति किसी के लिए भी अच्छी नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए हर एक नागरिक का सहयोग आवश्यक है। पुलिस प्रशासन को सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है। लोगों को जागरूक भी करें, फुट पेट्रोलिंग, चेंकिंग और आवश्यकतानुसार प्रवर्तन की कार्रवाई भी की जानी चाहिए। सभी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक शासन द्वारा जारी आदेशों का प्रतिबद्धतापूर्वक अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराएं। मुख्यमंत्री बुधवार को टीम-9 के साथ राज्य में कोरोना की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे। जहां उन्होंने अफसरों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए। रात्रिकालीन बन्दी को प्रभावी बनाने के लिए शाम 6 बजे से ही पुलिस व स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो जाएं। पब्लिक एड्रेस सिस्टक का उपयोग करें। कहीं भी भीड़ की स्थिति न बने।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में उत्तर प्रदेश की स्थिति लगातार बहुत अच्छी हो रही है। सतत प्रयासों से अब पूरे प्रदेश में एक्टिव कोविड मरीजों की कुल संख्या 30 हजार से भी कम हो चुकी है। वर्तमान में 28,694 कोरोना मरीज उपचाराधीन हैं। अब तक 16 लाख 44 हजार 511 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। हमारा रिकवरी रेट 97.1 फीसदी हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को लेकर प्रदेश में स्थिति तेजी से बेहतर हो रही है। हमारे 64 जिलों में 600 से कम एक्टिव केस रह गए हैं। ऐसे में मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में सीमित संख्या के साथ जनरल ओपीडी का प्रारंभ किया जाए। ओपीडी में आने के लिए मरीज का समय पूर्व निर्धारित हो। अपॉइंटमेंट सिस्टम अनावश्यक भीड़ को रोकने में कारगर होगा। इमरजेंसी सेवाएं 24×7 जारी रखी जाएं।
कोविड की तीसरी लहर से बचाव की तैयारी के क्रम में मानव संसाधन का प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण जारी है। डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ आदि के लिए पीडियाट्रिक केयर ट्रेनिंग भी शुरू हो चुका है। यह कार्य यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाए। सुविधानुसार भौतिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए