UP: कांग्रेस को नहीं मिले डेडिकेटेड वर्कर, इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत ने मांगी लिस्ट !
लखनऊ.इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर ने यूपी कांग्रेस के नेताओं से हर जिले में कम से कम 20 डेडिकेटेड वर्कर्स की लिस्ट तैयार करने को कहा है। उनकी डेडलाइन खत्म होने के करीब है, लेकिन ज्यादातर जिलों में नेता और वर्कर्स यही नहीं समझ पा रहे हैं कि ‘डेडिकेशन’ के मायने क्या हैं। बता दें कि किशोर लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी और बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के स्ट्रैटजिस्ट रहे हैं।
5 दिन में देनी है लिस्ट…
– 10 मार्च को लखनऊ में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के सिटी और डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट्स के साथ मीटिंग की थी।
– इसमें उन्होंने कहा था कि 31 मार्च तक हर जिले से कम से कम 20 डेडिकेटेड वर्कर्स की लिस्ट तैयार की जाए।
– पांच दिन बचे हैं, लेकिन ज्यादातर जिलों में कांग्रेस नेता यह काम नहीं कर पाए हैं।
– इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट ने बताया कि कांग्रेस के पास डेडिकेटेड वर्कर्स की कमी नहीं है। लेकिन दिक्कत ये समझने में है कि किस तरह के वर्कर्स की डिमांड प्रशांत कर रहे हैं।
– एक और डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट के मुतबिक, उन्होंने असेंबली सीट के हिसाब से वर्कर्स की पहचान कर ली है। 31 मार्च के पहले वे लिस्ट सबमिट भी कर देंगे। लेकिन ये तो वक्त ही बताएगा कि जिन्हें सिलेक्ट किया है, वो डेडिकेटेड हैं या नहीं।
निर्मल खत्री ने कहा- कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी
– सूत्रों का कहना है कि कुछ जिलों में तो हर असेंबली सीट पर 40 वर्कर्स को ढूंढ लिया गया है।
– कांग्रेस स्टेट प्रेसिडेंट निर्मल खत्री के मुताबिक, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि 31 मार्च तक का वक्त हमारे पास हैं।
लखनऊ में प्रशांत ने ली थी मीटिंग
– प्रशांत ने कांग्रेस नेताओं की मीटिंग में कहा था, “हमारा मुकाबला ट्रिपल एम (मोदी, माया, मुलायम) से है। सभी को तैयार रहना होगा। मिलजुल कर ईमानदारी से काम करें तो जीत पक्की है।”
– “मैं ऐसी पार्टी खड़ी करना चाहता हूं, जिसकी 2017 में यूपी में सरकार बने। सिर्फ नंबर बढ़ाना मेरा मकसद नहीं है।”
– मीटिंग के दौरान प्रशांत ने पार्टी के सभी सिटी चीफ को 20-20 पेज का प्रोफॉर्मा दिया था।
– प्रोफॉर्मा में पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए अपनाए जा सकने वाले तरीके बताए गए थे।
– हर कॉन्स्टिट्यून्सी के लोगों की परेशानियों और मुद्दों की जानकारी मांगी गई थी।
– 20-20 यंग लीडर्स के नाम मांगे गए थे, जो सोशल मीडिया पर एक्टिव हो सकें।
कौन हैं प्रशांत किशोर?
– 37 साल के प्रशांत किशोर यूनाइटेड नेशन्स के हेल्थ वर्कर रहे हैं। लेकिन 2011 में वे भारत लौटे और पॉलिटिकल पार्टियों के इलेक्शन कैम्पेन और रणनीति बनाने को लेकर काम करने लगे।
– वे मूलत: यूपी के बलिया जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने बीजेपी और नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर गुजरात में कैम्पेन शुरू किया।
– 2012 में उन्होंने गुजरात असेंबली इलेक्शन में नरेंद्र मोदी को सीएम बनाने के लिए कैम्पेन की कमान अपने हाथों में ली।
– उस दौर में प्रशांत मोदी के साथ गुजरात के सीएम हाउस में रहते थे।