अंतराष्ट्रीय

भारतीय मूल की नीरा टंडन बनी वाईडेन की मुख्य सलाहकार

वॉशिंगटन: राष्‍ट्रपति जो बाइडेन की केबिनेट के लिए एकमात्र पसंद रहीं भारतीय-अमेरिकी नीरा टंडन अब व्हाइट हाउस में बाइडेन के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम करेंगी. इससे पहले टंडन ने द्विदलीय आलोचना के चलते ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट का नेतृत्व करने के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया था.

सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस के संस्थापक जॉन पोडेस्टा ने एक बयान में कहा है, ‘राष्‍ट्रपति के वरिष्‍ठ सलाहकार के रूप में नीरा की बुद्धि, दृढ़ता और राजनीतिक समझ बाइडेन प्रशासन के लिए बहुत कीमती साबित होगी. हालांकि सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस में अब उनकी नीतिगत निपुणता और नेतृत्‍व को खो देने का हमें दुख है. इस ऑर्गेनाइजेशन को हमने 2003 में एक साथ स्थापित किया था. साथ ही मैं इस बात से रोमांचित भी हूं कि अब वे व्हाइट हाउस और अमेरिकी लोगों की सेवा करने वाले एक नए पद को संभालेंगी.’
टंडन सीएपी की प्रेसिडेंट और सीईओ के रूप में अपनी सेवाएं देती हैं. वहीं पहले वह सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस एक्शन फंड के सीईओ का पद भी संभाल चुकी हैं.
इससे पहले मार्च में टंडन ने व्हाइट हाउस OMB के निदेशक के रूप में अपना नामांकन वापस ले लिया था क्‍योंकि सीनेट में उनके नाम की पुष्टि करने के लिए उन्‍हें कम वोट मिले थे. यूएस मीडिया के मुताबिक व्हाइट हाउस के बजट कार्यालय का नेतृत्व करने के लिए टंडन का नाम राष्ट्रपति बाइडेन की पहली पसंद था, लेकिन इससे शुरुआत में खासा विवाद हुआ. टंडन ने ट्विटर पर सीनेट के कुछ सदस्‍यों पर टिप्‍पणियां कीं थीं, जिसके कारण रिपब्लिकन सीनेटर्स ने उन्‍हें वोट नहीं दिए.

टंडन द्वारा नामांकन वापसी का अनुरोध करने के बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इशारा कर दिया था कि उन्हें उनके प्रशासन में किसी अन्‍य पद पर लाया जाएगा. इसे लेकर बाइडेन ने कहा था, ‘मैंने नीरा टंडन का नाम वापस लेने का अनुरोध स्‍वीकार कर लिया है. मैं उनकी उपलब्धियों के रिकॉर्ड और उनके अनुभव का बहुत सम्मान करता हूं और मेरे प्रशासन में उनकी सेवाएं पाने के लिए तत्पर हूं. वह हमारे काम में मूल्यवान दृष्टिकोण और अंतर्दृष्टि लाएंगी.’

यदि उस समय सीनेट टंडन के नाम की पुष्टि करती तो वह ओएमबी का नेतृत्‍व करने वाली पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी होतीं.

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