क्या आप जानते हैं कि गोलगप्पों का आविष्कार कहां से हुआ था?
पानी पूरी का आविष्कार: बच्चे हों या बुजुर्ग, लड़के हों या लड़कियां, पानी पूरी का स्वाद हर किसी को पसंद होता है. कोई एकदम तीखे गोलगप्पे खाना पसंद करता है, किसी को मीठा पानी पसंद होता है, किसी को खट्टा-मीठा तो कोई दही वाले खाता है. गोलगप्पों को देशभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. बताशे, पानी पूरी, गोलगप्पे, पताशे, गुपचुप, फुल्की आदि नामों से प्रसिद्ध इस चाट के दीवानों की कमी नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोलगप्पों का आविष्कार कहां से हुआ था?
भारत में स्ट्रीट फूड की गजब वैरायटी पाई जाती है. यहां पानी पूरी से लेकर आलू टिक्की, तरह-तरह की पकौड़ियां, मोमोज, दही भल्ले, धनिया आलू आदि खूब लोकप्रिय हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में गोलगप्पों के लिए अलग तरह का पानी और फिलिंग को पसंद किया जाता है. कोई गोलगप्पों में आलू भरता है, कोई चने तो कोई मटर, हर चीज का स्वाद बिल्कुल अलग होता है. एक-दो प्लेट पानी पूरी खा लेने के बाद वो आखिरी वाली सूखी पापड़ी का स्वाद भी मुंह में पानी ले आता है. फिलहाल कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से आप सड़क किनारे खड़े होकर पानी पूरी तो नहीं खा पा रहे होंगे लेकिन घर बैठे यह जान लीजिए कि इसका आविष्कार कहां और कैसे हुआ था
जब द्रौपदी पहली बार अपने पतियों के साथ ससुराल आई थीं, तब कुंती ने उनसे कुछ ऐसा बनाने के लिए कहा था, जिससे पांडवों का पेट भर जाए. तब द्रौपदी ने अपनी कला से पानी पूरी यानी गोलगप्पे तैयार किए थे. इसे खाकर पांडव काफी खुश हो गए थे. तब कुंती ने द्रौपदी को अमरता का वरदान दिया था
ग्रीक इतिहासकारऔर चीनी बौद्ध यात्री फैक्सियन और जुआनज़ैंग की किताबों में लिखा है कि पानी पूरी सबसे पहले गंगा के किनारे बसे मगध साम्राज्य में बनाई गई थी.
माना जाता है कि पानी पूरी की शुरुआत मगध से हुई थी. आज इसे दक्षिणी बिहार के नाम से जाना जाता है. उस समय इसका नाम क्या रहा होगा, इसका तो किसी को अंदाजा नहीं है. हालांकि, कई जगहों पर इसके प्राचीन नाम ‘फुल्की’ का उल्लेख पाया जाता है.
हेल्थ मेनिया की चीफ डाइटीशियन मेघा मुखीजा के अनुसार, गोलगप्पे और उसका पानी घर में बनाया जाए तो वजन कम करने में मदद मिल सकती है. एक गोलगप्पे में सिर्फ 36 कैलोरी होती है. 6 गोलगप्पों की 1 प्लेट में 216 कैलोरी होती है. दरअसल, गोलगप्पे का तीखा पानी पीने के बाद घंटों तक भूख नहीं लगती है. ऐसे में वजन घटाने में काफी मदद मिल सकती है. लेकिन इसके लिए आपको गोलगप्पे और उसका पानी, दोनों ही घर पर तैयार करने होंगे. घर वाले गोलगप्पे कम तेल में बनाए जाते हैं इसलिए वो नुकसान नहीं करते हैं. वजन कम करना है तो सूजी के बजाय आटे के गोलगप्पे बनाएं