नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार से यहां शुरू हुई वर्ल्ड सूफी कॉन्फ्रेंस में स्पीच दी। जैसे ही उन्होंने अपनी बात शुरू की, दुनियाभर से अाए सूफी स्कॉलर्स के बीच ‘भारत माता की जय’ के नारे लगे। प्रोग्राम में 20 देशों के 200 से ज्यादा सूफीइज्म स्कॉलर शामिल हो रहे हैं। पाक में नवाज शरीफ के खिलाफ कैम्पेन चला चुके पाकिस्तानी नेता ताहिर-उल-कादरी भी हिस्सा ले रहे हैं। स्पीच में मोदी ने कहा कि इस्लाम अमन का पैगाम देता है, सूफीज्म उसकी आवाज है।
– मोदी ने कहा, ”सबका उस दिल्ली में स्वागत जिसे अलग-अलग कल्चर ने बनाया है।”
– उन्होंने कहा, ”यहां दुनियाभर के अलग-अलग देशों और सभ्यता के लोग एक मकसद के लिए इकट्ठा हुए हैं।”
– ”दुनिया को हिंसा और आंतक की लंबी होती छाया ने घेर रखा है। ऐसे अंधेरे माहौल में आप उम्मीद का नूर हो।”
– ”इजिप्ट और वेस्ट एशिया में अपने उदय के बाद से ही सूफीज्म ने पूरी दुनिया में शांति और मानवता का मैसेज दिया है।”
– ”सूफी लोगों के लिए खुदा की सेवा का मतलब मानवता की सेवा है।”
– ”अगर हम ईश्वर से प्यार करते हैं तो हमें उसकी बनाई हर चीज से प्यार करना चाहिए।”
– ”सूफीज्म शांति की आवाज है। ये दुनिया में समानता की आवाज है।”
– ”अल्लाह ही रहमान और रहीम है और सूफीज्म अमन की आवाज है।”
– ”अल्लाह के 99 नाम हैं। इनमें किसी का मतलब हिंसा नहीं है। इसका असली मतलब शांति है और सूफीवाद शांति की आवाज है।”
– ”हजरत निजामुद्दीन ने कहा था कि अल्लाह उन्हें प्यार करता है जो इंसानियत से प्यार करते हैं।”
– ”जब मासूम आवाजों को बंदूक के दम पर दबाया जा रहा है तब सूफीज्म वो आवाज है जो लोगों को सहारा देती है।”
– ”सिर से लेकर पांव तक भारत शांति और सौहार्द्र का प्रतीक है।”
– ”हिंदू, मुस्लिम सिख ईसाई जैन सभी इस देश का अभिन्न हिस्सा हैं।”
– ”दुनियाभर में आतंकवाद बढ़ रहा है। पिछले साल ही 90 से ज्यादा देशों में आतंकी हमले हुए।”
– ”आतंकी अपने ही देश और अपने ही लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”
– ”कुछ लोग कैंप लगाकर आंतकवाद की ट्रेनिंग दे रहे हैं। अजान के समय हमले किए जा रहे हैं।”
– ”पूजा की जगहों पर हमले किए जा रहे हैं। कौन सा धर्म ऐसा करने को कहता है।”
आतंकी हमले की आशंका
– प्रोग्राम का पहले दिन का सेशन विज्ञान भवन में हुआ। इसके बाद इंडिया इस्लामिक सेंटर में 2 दिन और लास्ट सेशन 20 मार्च को रामलीला मैदान में होगा।
– सूफी सम्मेलन का आयोजन ऑल इंडिया उलेमा और मशाएख बोर्ड (एआईयूएमबी) ने किया है।
– यह बोर्ड भारत में सूफी दरगाहों का मैनेजमेंट करने वाला टॉप ऑर्गनाइजेशन है।
– इंटेलिजेंस एजेंसियों ने कॉन्फ्रेंस के दौरान आतंकी हमले का इनपुट दिया है।
– सूफी सम्मेलन में दो सौ से ज्यादा इंडियन और इंटरनेशनल इस्लामिक रिप्रजेंटेटिव शामिल हो रहे हैं।
– इंस्टीट्यूट के फाउंडर और प्रेसिडेंट सैयद मोहम्मद अशरफ के मुताबिक प्रोग्राम का मकसद दुनियाभर में हिंसक उग्रवाद से लड़ने के लिए इस्लाम के पीस और टॉलरेंस के मैसेज फैलाना है।
क्या है ऑल इंडिया मशाएख बोर्ड
– AIUMB तंजीम के स्पोक्सपर्सन शुजात अली कादरी के मुताबिक ऑल इंडिया तंजीम उल्लामा इस्लाम के पूरे भारत में दस लाख से ज्यादा सदस्य हैं।
– यह ऑर्गनाइजेशन भारत के सुन्नी सूफ़ी विचारधारा यानी ‘सुन्नत वल जमात’ की प्रतिनिधि सभा है।
– ऑर्गनाइजेशन के प्रेसिडेंट अशरफ ने कहा ” हमारा मानना है कि टेररिस्ट ग्रुप के जरिए पॉलिटिकल बेनिफिट लेने के लिए बनाई जा रही इस्लाम की कट्टरपंथी छवि को इंटरप्रिटेट करने का वक्त आ गया है।”
– उन्होंने कहा कि सीरिया और दुनिया के दूसरे हिस्सों में जेहादी ताकतों के फैलाए गए टेररिज्म ने इस्लाम की छवि खराब की है।
– अशरफ का दावा है कि ” इंडियन मुस्लिम सूफीवाद के अपने सम्पन्न इतिहास का प्रचार-प्रसार करके इस्लाम के नाम पर दुनियाभर में हो रहे खून-खराबे का एक विकल्प दे सकते हैं।”
सम्मेलन में शामिल होने भारत आए ताहिर-उल-कादरी
– पाकिस्तान के राजनेता और इस्लामिक स्कॉलर ताहिर उल कादरी इंटरनेशनल सूफी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने भारत आए हैं।
– खास बात यह है कि इस्लाम के जिस संप्रदाय का असदुद्दीन ओवैसी का संबंध है, ताहिर उल कादरी उसी संप्रदाय के दुनिया के बड़े विद्वानों में शामिल हैं।
– 2012 में ओवैसी और ताहिर उल कादरी एक प्रोग्राम के दौरान मंच भी साझा कर चुके हैं।