उत्तर प्रदेशराजनीति

अहंकारी सरकार ने बजट में किसानों की पूरी अनदेखी की – अखिलेश यादव

आज संसद में पेश हुए बजट पर अलग-अलग दलों ने प्रतिक्रिया दी है। एक तरफ मोदी सरकार के तमाम मंत्री और सत्तारुढ़ दलव बीजेपी वित्त मंत्री के बजट को आशा भरी नजर से देख रहे है तो विपक्ष ने दिशाहीन बताकर करारा चोट किया है। इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा कि मध्यम वर्ग और किसानों के लिये यह बजट घोर निराशा पैदा करती है। उन्होंने कहा कि दरअसल देश के गरीब वर्ग से लेकर महिलाये,किसान,नौजवानों तक को बजट में कोई ऐसा प्रावधान नहीं किया गया जिससे उन्हें दीर्घकालीक राहत मिल सकें। उन्होंने इस बजट में विनिवेश के माध्यम से सरकारी संपत्ति को बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे बीजेपी शासित सरकार की सत्ता सुख की झलक ही मिलती है। उन्होंने पेपरलेस और डिजिटल बजट को लेकर कहा कि यह आज की तारिख में बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं है। यदि सरकार बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित कर पाती तो युवाओं को रोजगार मिलता,लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। अखिलेश यादव ने साथ ही पीएम मोदी के 5 ट्रिलियन के इकॉनॉमी पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यह बजट सीमित राज्यों में चुनाव को देखते हुे लगता है कि उनके लिये ही है। जबकि देश के अन्य राज्यों की उपेक्षा की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार कॉरपॉरेट घराने के हाथ में देश की राष्ट्रीय संपत्ति देने का रास्ता भी खोल दिया है। जिससे मोदी के पूंजीपति मित्रों को लाभ मिल सकें। उन्होंने बजट में आंदोलनरत किसानों की उपेक्षा का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दो महीने से अधिक समय से आज किसान आंदोलन के लिये दिल्ली में है लेकिन अहंकारी सरकार ने उसकी पूरी अनसुनी कर दी है।

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