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चीन ने लद्दाख में पैंगोंग त्सो के दक्षिण में बनाई नई सड़क, तस्वीरें आईं सामने

 

नई दिल्ली,चीन ने शुरू किया स्पेंगुर त्सो के पास सड़क का निर्माणफिंगर 4 के पूर्व में पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर पहले से ही कब्जा है.
चीनी प्रोपेगैंडा के इतर एक नई सड़क के प्रमाण मिले हैं जो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) स्पेंगुर त्सो के उत्तर (या पैंगोंग झील के दक्षिण) में निर्माण कर रही है, और यह भारत के लिए एक बेहद चिंता का विषय है.

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने कुछ जमीनी तस्वीरें जिसमें पीएलए कमांडोज नियमित फीजिकल ट्रेनिंग करते हुए स्पेंगुर त्सो के दक्षिण में बड़े स्तर पर दिखाई दिए.
फिर से कब्जे वाले पूर्वी लद्दाख को सामने ला दिया है. खासतौर से पैंगोंग झील और स्पेंगुर त्सो के दक्षिण वाले क्षेत्र में.
पीएलए ने माटुंग न्यांग्त्सु पर्वत के आसपास, इसके उत्तर में स्पेंगुर त्सो के पास एक पहाड़ी सड़क का निर्माण शुरू किया है
पैंगोंग त्सो के पूर्वी किनारे के शहर, रुटोक से आने वाली मुख्य सड़क S301 से करीब 5 मीटर चौड़ी सड़क जुड़ती है.
30 दिसंबर, 2020 तक यह सड़क अभी भी निर्माणाधीन है, जिसमें करीब 200 मीटर का एक छोटा सा गैप बचा हुआ है.
सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि इस सड़क के जल्द ही ब्लैक-टॉप्ड होने की संभावना है. यह नई सड़क पैंगोंग झील के पूरे दक्षिणी तट पर चीन के कभी भी अपनी इच्छानुसार कब्जा करने में मदद करेगी. फिंगर 4 के पूर्व में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर स्थित पहाड़ की चोटी पर पहले से ही कब्जा है.

PLA टेंट का एक नया सेट स्पेंगुर त्सो के उत्तरी तट से थोड़ा ऊपर के स्थान पर भी देखा गया है तथा पेगोंग त्सो और स्पेंगुर त्सो के बीच की रिजलाइन पर कम से कम एक और पहाड़ पर पोस्ट दिखाई देता है.
चीनी सोशल मीडिया में भी बिना तारीख वाली 4 फोटो के इस सेट को लेकर चर्चा जारी है जिसमें चीनी कमांडो सैनिकों को स्पेंगुर त्सो के दक्षिण में सहनशीलता से जुड़े कुछ नियमित ट्रेनिंग कराते दिख रहे हैं.

चीनी सैनिक अभी भी टेंट में हैं. ड्रोन के माध्यम से खाद्य आपूर्ति पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है, हालांकि 25 दिसंबर से 30 दिसंबर, 2020 के बीच इस क्षेत्र में ताजा बर्फबारी हुई है. इस साल सितंबर में ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ हू झीजिन ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें चीनी फ्रंटलाइन सैनिकों को गर्म भोजन की आपूर्ति करने वाले ड्रोन दिखाए गए थे.
स्पेंगुर त्सो पूरी तरह से बर्फ से ढके हुए हैं और पैंगोंग त्सो की ओर फिंगर 5 के पूर्वी क्षेत्र बर्फ से जमे हुए हैं. इससे पता चलता है कि चीनी PLA स्पीड बोट का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी. दूसरी ओर, भारत अभी भी नावों के माध्यम से पैंगोंग त्सो पर गश्त कर सकेगा.

 

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