इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान गरीब,सामान्य वर्ग का नुकसान : मोदी
लखनऊ : किसान आंदोलन की आड़ में पंजाब में मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाने के शरारती तत्वों के प्रयास का जिक्र किये बगैर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शनों और आन्दोलनों के नाम पर देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को होने वाला नुकसान गरीब, सामान्य वर्ग को होने वाला नुकसान है। अपना लोकतांत्रिक अधिकार जताते वक्त राष्ट्रीय दायित्व को नहीं भूलना चाहिए।
श्री मोदी ने ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के 351 किमी लंबे न्यू खुर्जा से न्यू भाउपुर खण्ड तथा प्रयागराज स्थित केन्द्रीय परिचालन नियंत्रण केन्द्र का उद्घाटन करते हुये कहा कि आज भारत विश्व की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर अग्रसर है।
उन्होने प्रदर्शनों और आन्दोलनों में देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों की चर्चा करते हुए कहा कि यह सम्पत्ति देश के नागरिकों, करदाता, समाज के हर वर्ग की है। इसमें उनका पैसा लगा हुआ है। इसलिए इस सम्पत्ति को होने वाला नुकसान देश के गरीब, सामान्य वर्ग को होने वाला नुकसान है। अपना लोकतांत्रिक अधिकार जताते हुए राष्ट्रीय दायित्व को नहीं भूलना चाहिए। भारतीय रेल को अक्सर प्रदर्शनों में निशाना बनाया जाता है, जबकि रेलवे मुश्किल परिस्थितियों में भी सेवाभाव से देश के काम आती है। कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों और कामगारों को वापस पहुंचाने, दवा, सामान आदि के परिवहन में रेलवे ने उल्लेखनीय योगदान किया।
श्री मोदी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये हरी झण्डी दिखाकर खुर्जा एवं भाउपुर रेलवे स्टेशनों से मालगाड़ियों को रवाना किया। इस मौके पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुये ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी में नयी पहचान दिलाने तथा भारत व भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला है। खुर्जा और भाउपुर से पहली मालगाड़ी के संचालन के साथ ही नये और आत्मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना सुनायी दी है। केन्द्रीय परिचालन नियंत्रण केन्द्र, प्रयागराज भी नये भारत के नये सामर्थ्य का प्रतीक है। यह दुनिया का बेहतरीन और अत्याधुनिक रेल परिचालन केन्द्र है। गर्व की बात है कि इस सेण्टर की मैनेजमेंट और डाटा सम्बन्धी तकनीक भारत में ही तैयार की गयी है।
उन्होने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी राष्ट्र की सामर्थ्य का सबसे बड़ा स्रोत है। इसमें भी कनेक्टिविटी राष्ट्र की नसें और नाड़ियां हैं। यह नसें जितनी मजबूत होंगी, राष्ट्र भी उतना ही सामर्थ्यवान होगा। आज भारत विश्व की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर अग्रसर है। ऐसे में बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ पिछले छह सालों में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ कार्य किया गया है। इसलिए आर्थिक रफ्तार के जरूरी पांच पहियों, हाई-वे, रेलवे, एयर-वे, वाटर-वे एवं आई-वे को गति दी जा रही है।