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ममता बनर्जी को ओवैसी से बिहार वाला डर, बोलीं- हैदराबाद की पार्टी को पैसे देकर अल्पसंख्यक वोट बंटवा रही बीजेपी

कोलकाता :पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में कुछ महीने ही बचे हैं। पिछले चुनावों के मुकाबले विधानसभा चुनाव में बीजेपी बड़ी ताकत बनकर उभरती हुई दिखाई दे रही है। बीजेपी बंगाल में जहां ममता बनर्जी का किला ढहाने की जुगत में है, वहीं मुख्यमंत्री ममता एक बार फिर से जीत दर्ज करने का दावा कर रही हैं। हालांकि, चुनाव से ठीक पहले ममता बनर्जी को बिहार विधानसभा चुनाव वाला डर सताने लगा है। दरअसल, ममता बनर्जी ने एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी को लेकर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री का आरोप है कि बीजेपी एआईएमआईएम को पैसे देकर अल्पसंख्यक वोट बंटवा रही है।

ममता बनर्जी ने बंगाल के जलपाईगुड़ी में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ”अल्पसंख्यकों के वोटों को विभाजित करने के लिए उन्होंने हैदराबाद की एक पार्टी (एआईएमआईएम) को पकड़ा है। बीजेपी उन्हें पैसे देती है और वे वोटों को बांटने का काम करते हैं। बिहार चुनाव में यह देखा भी गया है।” इसके अलावा, ममता बनर्जी ने बीजेपी को सबसे बड़ा चोर बताया। उन्होंने कहा, ”बीजेपी से बड़ा कोई चोर नहीं है। वे चंबल के डकैत हैं। उन्होंने 2014, 2016 और 2019 के चुनावों में कहा कि सात चाय बागान दोबारा खोले जाएंगे और केंद्र सरकार उनका अधिग्रहण करेगी। वे अब नौकरी के वादे कर रहे हैं। वे ठग रहे हैं।”

दरअसल, ममता बनर्जी ने जिस बिहार चुनाव की ओर इशारा किया है, उसमें ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया था। एआईएमआईएम ने सीमांचल क्षेत्र में महागठबंधन के उम्मीदवारों को तगड़ा झटका दिया था। पार्टी ने सीमांचल क्षेत्र की 16 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। इसमें से उसे पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी। पार्टी ने अमौर, कोचाधाम, जोकीहाट, बायसी और बहादुरगंज सीटें अपने नाम की थीं। इसके अलावा, कोसी और मिथिला की कई सीटों पर भी प्रभाव छोड़ा था। ओवैसी की पार्टी की वजह से महागठबंधन को कई सीटों पर नुकसान पहुंचा था।
पश्चिम बंगाल चुनाव से ठीक पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने अपनी कम कस ली है। पार्टी राज्य में अपनी चुनावी मशीनरी को बैठाने का फैसला कर चुकी है। पार्टी प्रवक्ता और बंगाल के पार्टी संयोजक असीम वकार ने हाल में कहा था कि ओवैसी के पश्चिम बंगाल में जल्द आने की उम्मीद है। हम पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। पार्टी की राज्य चुनाव समिति का गठन जल्द ही किया जाएगा। उम्मीद है कि ओवैसी अपने बंगाल दौरे पर पार्टी की चुनाव समिति और बंगाल में कितने सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी, इसकी घोषणा करेंगे।
पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक वोट बड़ी संख्या में हैं। ये वोट किसी भी चुनाव का रुख मोड़ने में कामयाब हो सकते हैं। भाजपा और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की संस्था आई-पैक द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक, 2011 की जनगणना के अनुसार पश्चिम बंगाल में 27.01 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है और राज्य के 294 विधानसभा क्षेत्रों में से 120 पर इनकी भूमिका बेहद अहम है। पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद, मालदा और उत्तर दिनाजपुर जैसे जिलों में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक आबादी है।

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