लखनऊ में प्लॉटिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी: फर्जी हाउसिंग कंपनी से जुड़ा वांछित आरोपी गिरफ्तार, जनता से की गई थी लाखों की वसूली !

लखनऊ -: राजधानी लखनऊ में एक बार फिर जमीन देने के नाम पर की जा रही सुनियोजित ठगी का खुलासा हुआ है। विभूतिखण्ड थाना क्षेत्र में आरएसएस ग्रीनलैण्ड इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड नामक एक फर्जी हाउसिंग कंपनी के जरिए सैकड़ों लोगों से प्लॉट देने का झांसा देकर लाखों रुपये ऐंठने के मामले में पुलिस ने वांछित आरोपी शिवकुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी एक लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी के विरुद्ध जारी खोजबीन के बाद चिनहट क्षेत्र से की गई।गिरफ्तार शिवकुमार यादव इस कथित रियल एस्टेट घोटाले का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है, जो खुद को कंपनी का डायरेक्टर बताकर लोगों से प्लॉट के नाम पर पैसे लेता था।
लेकिन जब पीड़ित लोग या तो जमीन की मांग करते या अपनी रकम वापस चाहते, तो उन्हें न प्लॉट मिलता था और न ही पैसा।इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मेरठ निवासी प्रमोद कुमार ने 24 जनवरी 2024 को विभूतिखण्ड थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस ग्रीनलैण्ड इन्फ्रा प्रा. लि. कंपनी के डायरेक्टर रविन्द यादव व अन्य लोगों ने उन्हें जमीन देने के नाम पर 5 लाख 40 हजार रुपये लिए, लेकिन न जमीन दी और न ही रकम लौटाई।
इस पर पुलिस ने तत्काल एफआईआर संख्या 0023/2024 के तहत आईपीसी की धारा 409 और 420 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।जांच के दौरान तकनीकी और मैनुअल साक्ष्य जुटाए गए। पुलिस को पता चला कि उक्त कंपनी के नाम पर सुनियोजित तरीके से कई लोगों से लाखों रुपये वसूले गए थे। इस क्रम में शिवकुमार यादव का नाम सामने आया, जिसके बाद उसकी भूमिका और गहराई से जांची गई और अंततः उस पर धारा 120-बी (षड्यंत्र) भी जोड़ दी गई।
17 जुलाई को थाना विभूतिखण्ड की पुलिस टीम ने उसे चिनहट इलाके से गिरफ्तार किया। आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री और जालसाजी के जरिए लोगों से मोटी रकम ऐंठता था और इस धन से अपने व्यक्तिगत शौक पूरे करता था।गिरफ्तार शिवकुमार यादव (63 वर्ष) मूल रूप से धावा इमिलिहा, थाना चिनहट, लखनऊ का निवासी है और फिलहाल देवा रोड स्थित राय इन्क्लेव में रह रहा था। फिलहाल उसके विरुद्ध धोखाधड़ी, गबन और आपराधिक साजिश की धाराओं में केस दर्ज है। पुलिस अन्य जिलों और थानों से उसके खिलाफ और मामलों की जानकारी एकत्र कर रही है।इस मामले की जांच और गिरफ्तारी में उपनिरीक्षक अर्जुन सिंह, उपनिरीक्षक विशाल सोनकर, हेड कांस्टेबल अशोक मिश्रा और महिला कांस्टेबल डाली मिश्रा की विशेष भूमिका रही। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
विभूतिखण्ड पुलिस अब कंपनी से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है और जल्द ही पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने की तैयारी है। वहीं पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे जमीन या प्लॉट खरीदने से पहले संबंधित कंपनी के दस्तावेजों और वैधता की गहराई से जांच अवश्य करें ताकि इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सके।