अयोध्या को जल्द मिलेगा एक और आरओबी का तोहफा -बनवीरपुर में बनेगा 600 मीटर का रेलवे ओवरब्रिज, 170 करोड़ की डीपीआर शासन को भेजी !
अयोध्या -: प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या को विकास के नए आयाम देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अयोध्या जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भारत का प्रमुख केंद्र है, अब आधुनिक बुनियादी ढांचे के मामले में भी तेजी से प्रगति कर रही है। इसी कड़ी में अयोध्या को जल्द ही एक और रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का तोहफा मिलने जा रहा है। यह फोर लेन होगा। बनवीरपुर में प्रस्तावित 600 मीटर लंबे आरओबी के लिए 170 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर शासन को भेजी गई है।
यह ओवरब्रिज शहर की यातायात व्यवस्था को और सुगम बनाने के साथ-साथ क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति देगा। अयोध्या में बढ़ती आबादी और पर्यटकों की संख्या के कारण यातायात प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन गया है। बनवीरपुर क्षेत्र में रेलवे क्रॉसिंग संख्या 124 पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को असुविधा होती है। इस आरओबी के निर्माण से रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी और यातायात का प्रवाह निर्बाध होगा। 600 मीटर लंबा यह रेलवे ओवरब्रिज न केवल स्थानीय लोगों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यात्रा को और आसान बनाएगा।
रिंग रोड परियोजना शहर में यातायात के दबाव को कम करने और बाहरी वाहनों को शहर के अंदर प्रवेश किए बिना गंतव्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बनवीरपुर में ओवरब्रिज का निर्माण रिंग रोड के साथ समन्वय में होगा, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। इस परियोजना से न केवल अयोध्या, बल्कि आसपास के क्षेत्र जैसे फैजाबाद, गोंडा और बस्ती भी लाभान्वित होंगे। बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार और पर्यटन को गति मिलेगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों और उद्यमियों को लाभ होगा। साथ ही, यह परियोजना अयोध्या को एक आधुनिक और सुगम शहर के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।
राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जिसके चलते सरकार ने सड़क, पुल और अन्य सुविधाओं के विकास को प्राथमिकता दी है। अब तक अयोध्या में कई रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) और ओवरब्रिज बनाए जा चुके हैं, जो शहर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। इनमें फतेहगंज, दर्शननगर व अन्य तैयार हो गया है, जबकि मोदहा इत्यादि पर तेजी से काम चल रहा है।
सेतु निगम के उप परियोजना प्रबंधक रोहित अग्रवाल ने बताया कि डीपीआर में परियोजना की तकनीकी और वित्तीय आवश्यकताओं का विस्तृत विवरण शामिल है। योगी सरकार की प्राथमिकता को देखते हुए इस परियोजना को जल्द ही हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल यातायात की समस्या को हल करेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में भी योगदान देगी।