लखनऊ

अध्यक्ष अजय राय ने दी चेतावनी, कहा- उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा , दलित प्रोफेसर रविकांत को निशाना बना रही योगी सरकार -: कांग्रेस

लखनऊ -: लखनऊ विश्वविद्यालय के दलित प्रोफेसर और सामाजिक मुद्दों पर मुखर आवाज रखने वाले डॉ. रविकांत को एक बार फिर सरकार और प्रशासन की साजिशों का शिकार बनाया जा रहा है। तीन साल पुराने एक निराधार मामले में उनके खिलाफ अभियोग दर्ज करने की स्वीकृति शासन स्तर से प्रदान की गई है, जबकि पहले ही जांच समिति द्वारा आरोपों को असत्य और तथ्यहीन पाया जा चुका है। बिना विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की अनुमति के यह स्वीकृति न केवल दुर्भावनापूर्ण है, बल्कि पूरी तरह अवैधानिक भी है।प्रोफेसर रविकांत लंबे समय से दलितों, पिछड़ों और वंचित तबकों की आवाज को बुलंदी से उठाते आ रहे हैं।

सामाजिक न्याय, महिलाओं के अधिकार और नफरत की राजनीति के खिलाफ उनकी स्पष्ट और वैचारिक टिप्पणियाँ उन्हें लगातार सत्ता के निशाने पर रखती हैं। इसी क्रम में उनकी फेसबुक पोस्ट को आधार बनाकर अब उन्हें जेल भेजने की कोशिश की जा रही है।प्रो. रविकांत ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि “ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने महिलाओं के हाथ में कलम और किताब देकर उन्हें सम्मान की जिंदगी दी थी। नेहरू ने अवसर मुहैया कराए, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकीं। लेकिन आज आरएसएस उन्हें त्रिशूल और फरसा पकड़ा कर नफरत का बीज बो रहा है।” इसी पोस्ट से कथित रूप से नाराज होकर सरकार अब उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सोमवार को प्रो. रविकांत के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की और पूरे मामले पर समर्थन जताया।

अजय राय ने साफ कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी है और आवश्यकता पड़ी तो न्याय के लिए कानूनी लड़ाई के साथ-साथ सड़कों पर उतर कर प्रशासन का घेराव भी करेगी।अजय राय ने भाजपा सरकार पर दलित विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि, “जो भी जागरूक और मुखर व्यक्ति सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलता है, उसे प्रताड़ित किया जाता है। भाजपा की फितरत है कि वह हर उस आवाज को कुचल दे जो उसके विचारधारा से भिन्न सोच रखती है। प्रोफेसर रविकांत का उत्पीड़न उसी साजिश की कड़ी है।

”कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि दलित समाज पर सीधा हमला है। यह हमला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर है, संविधान की आत्मा पर है। कांग्रेस पार्टी न सिर्फ प्रो. रविकांत की आवाज को और बुलंद करेगी बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि भाजपा सरकार की ऐसी तानाशाही प्रवृत्ति के खिलाफ लोकतांत्रिक प्रतिरोध खड़ा किया जाए।कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि सरकार तत्काल प्रो. रविकांत के खिलाफ दी गई अभियोजन स्वीकृति को रद्द करे और विश्वविद्यालय प्रशासन पर राजनैतिक दबाव डालकर उसे कठपुतली की तरह चलाने की कोशिश बंद करे। पार्टी ने यह भी चेताया कि यदि उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो राज्यभर में आंदोलन किया जाएगा।

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