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केडीएम को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘ज़ी भारत की उड़ान’ अवॉर्ड से सम्मानित किया !

मुंबई-: भारत में लाइफ़स्टाइल और मोबाइल एक्सेसरीज़ के प्रमुख ब्रांड, केडीएम को ‘भारत का चार्जर महाकुंभ पहल’ के लिए ‘ज़ी भारत की उड़ान अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। ज़ी भारत के कार्यक्रम ‘भारत की उड़ान’ में माननीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने केडीएम के संस्थापक, श्री एन. डी. माली को यह अवॉर्ड दिया। इस सम्मान से जाहिर होता है कि, केडीएम ने महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 1080 मोबाइल चार्जिंग पॉइंट की व्यवस्था करके इस आयोजन को सफल बनाने में काफी अहम योगदान दिया। इन चार्जिंग स्टेशनों पर KDM-T टेक्नोलॉजी वाले चार्जर लगाए गए थे, और अनुमान है कि 45 दिनों के इस कार्यक्रम में लगभग 23 लाख से ज़्यादा मोबाइल फोन चार्ज किए गए, जिससे मेले में आने वाले लोगों को अपने परिवारों से जुड़े रहने में मदद मिली।

इसने महाकुंभ 2025 में एक बड़ी समस्या को दूर करने में अहम भूमिका निभाई और ग्रामीण इलाकों से आने वाले भक्तों को अपने घरवालों तथा सगे-संबंधियों से जोड़े रखा। इसने सरकारी विभागों और प्रशासन की कोशिशों में भी सहयोग दिया, जिसकी सभी जगह तारीफ हुई। इस उपलब्धि पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए, केडीएम के संस्थापक, श्री एन. डी. माली ने कहा, “माननीय केंद्रीय मंत्री, श्री नितिन गडकरी जी के हाथों ‘ज़ी भारत की उड़ान’ अवॉर्ड पाना मेरे लिए बड़े सम्मान और गौरव की बात है, जिससे मुझे ‘भारत का चार्जर’ कैंपेन को आगे बढ़ाने के लिए जबरदस्त जोश, प्रेरणा और हौसला मिल रहा है। ‘भारत का चार्जर‘ पहल सचमुच इनोवेटिव सोच और सामाजिक जिम्मेदारी का एक बेहतरीन उदाहरण है। आज के दौर में मोबाइल फोन ‘विकास के साधन’ बन गए हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। इस अवॉर्ड से हमें ‘केडीएम भारत का चार्जर’ पहल ज़रिये मोबाइल और अर्थव्यवस्था, दोनों को चार्ज करने की अपनी कोशिशों को जारी रखने का हौसला मिला है।
भारत 2047 तक विकसित भारत बनने के अपने सपने की ओर बढ़ रहा है, और ऐसे में ‘केडीएम भारत का चार्जर’ अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ावा देने और ‘मेक इन इंडिया’ के ज़रिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहा है। हम “हर घर केडीएम” के अपने सपने को पूरा करने के लिए भी पूरी तरह तैयार हैं। हमने साल 2030 तक 10 करोड़ घरों तक अपनी पैठ बनाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, हम साल 2030 तक 50,000 महिलाओं को सीधे तौर पर और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने के इरादे पर अटल हैं।”