‘ईरान और इजरायल के बीच जल्द शांति होगी: ट्रंप(शांति होगी)

वाशिंगटन: ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि ईरान और इजरायल को एक सौदा करना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे भारत और पाकिस्तान ने किया। इजरायल और ईरान के बीच भी जल्द ही शांति होगी! (शांति होगी)
ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने कहा, ‘ईरान और इजरायल को एक सौदा करना चाहिए, और वे सौदा करेंगे, ठीक वैसे ही जैसे मैंने भारत और पाकिस्तान के साथ किया। उस मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापार का उपयोग करके दो बेहतरीन नेताओं के साथ बातचीत में तर्क, सामंजस्य और विवेक लाया जा सकता है जो जल्दी से निर्णय लेने और रोकने में सक्षम थे!’
ट्रंप ने कहा, ‘मेरे पहले कार्यकाल के दौरान, सर्बिया और कोसोवो में कई दशकों से तीखी नोकझोंक चल रही थी, और यह लंबे समय से चल रहा संघर्ष युद्ध में बदलने के लिए तैयार था। मैंने इसे रोक दिया (बाइडेन ने कुछ बहुत ही मूर्खतापूर्ण निर्णयों के साथ दीर्घकालिक संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन मैं इसे फिर से ठीक कर दूंगा!)।’
ट्रंप ने कहा, ‘एक और मामला मिस्र और इथियोपिया का है, और एक विशाल बांध को लेकर उनकी लड़ाई जिसका शानदार नील नदी पर प्रभाव पड़ रहा है। मेरे हस्तक्षेप के कारण, कम से कम अभी के लिए, शांति है, और यह इसी तरह बनी रहेगी! इसी तरह, इजरायल और ईरान के बीच भी जल्द ही शांति होगी! अब कई कॉल और मीटिंग हो रही हैं। मैं बहुत कुछ करता हूं, और कभी किसी चीज का श्रेय नहीं लेता, लेकिन यह ठीक है, लोग समझते हैं। मध्य पूर्व को दोबारा महान बनाओ!’
ईरान और इजरायल के बीच क्यों चल रहा संघर्ष?
ऐसा नहीं है कि ईरान और इजरायल शुरू से ही एक दूसरे के दुश्मन हों। दरअसल 1979 से पहले, ईरान की शाही सरकार और इजरायल के बीच अच्छे संबंध थे और दोनों के बीच तेल व्यापार और गुप्त सैन्य सहयोग भी होता था। लेकिन 1979 की ईरानी इस्लामी क्रांति के बाद, अयातुल्ला खुमैनी के नेतृत्व में नई सरकार ने इजरायल को अवैध यहूदी राज्य माना और उसके खिलाफ शत्रुतापूर्ण नीति अपनाई। ईरान ने फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन (PLO) और अन्य इजरायल-विरोधी समूहों का समर्थन शुरू कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में कड़वाहट आ गई।
ईरान की सरकार मानती है कि इजरायल ने फिलिस्तीन की भूमि पर कब्जा किया है। इसीलिए ईरान ने इजरायल के विनाश की कसम खाई हुई है। वहीं इजरायल अपने अस्तित्व और वर्चस्व के लिए लड़ रहा है। इजरायल का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित कर सकता है, जो उसके लिए खतरा बन सकता है। जून 2025 में इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले और ईरान का “ट्रू प्रॉमिस 3” मिसाइल हमला हुआ, जिसने इस संघर्ष को और गहरा कर दिया है।