रोज खाएं सिंघाड़ा दिल को सेहतमंद रखने के लिए
ह्रदय शरीर का प्रमुख अंग है। यह रक्त परिसंचरण में अहम भूमिका निभाता है। जानकारों की मानें तो दिल एक मिनट में तकरीबन 60-90 बार धड़कता है। इस दौरान रक्त शरीर में पहुंचता है। ह्रदय को ऑक्सीजन रक्त से मिलता है। दिल का सेहतमंद रहना बेहद जरूरी है। खासकर सर्दी के दिनों में हृदयघात का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में दिल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अगर आप भी दिल को सेहतमंद रखना चाहते हैं, तो रोजाना सिंघाड़ा खाएं। कई शोध में खुलासा हुआ है कि सिंघाड़ा दिल के लिए फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं कि कैसे सिंघाड़ा दिल की बीमारियों के लिए रामबाण दवा है-
रामबाण औषधि सिंघारा
सिंघाड़ा पानी में उपजने वाला एक फल है जो आकार में त्रिभुज की तरह होता है। भारत सहित एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में इसकी खेती की जाती है। सिंघारा के फल में सींग की तरह दो कांटे होते हैं। अंग्रेजी में इसे वाटर चेस्टनट कहा जाता है। इसके फल का सेवन किया जाता है। जबकि छिलके से आटा बनाया जाता है। इसके लिए सिंघाड़ा के छिलके को अच्छी तरह से सूखाकर आटा तैयार किया जाता है। इस आटे का विशेष महत्व है, क्योंकि व्रत के दौरान लोग फलाहार के रूप में इसका सेवन करते हैं। इसमें पानी अधिक मात्रा में पाया जाता है। आयुर्वेद में इसे दवा माना जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। खासकर दिल की बीमारियों के लिए यह रामबाण औषधि है। साथ ही गले में खराश, थकावट, सूजन और ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद है।
सिंघाड़ा बुरे कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करता है
जैसा कि हम सब जानते हैं कि उच्च रक्त चाप की वजह से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए डॉक्टर पोटेशियम युक्त फल और सब्जियां खाने की सलाह देते हैं। जबकि सिंघाड़ा में पोटेशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह सोडियम से प्रतिक्रया कर रक्त चाप को कम अथवा संतुलित करता है। साथ ही सिंघाड़ा बुरे कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करता है। अतः दिल की बीमारियों के लिए यह उत्तम फल है।