फिरोजाबाद के सामौर बाबा धाम का विकास बना राज्य का मॉडल, अन्य धार्मिक स्थलों पर भी होगा अनुकरण !

फिरोजाबाद -: जनपद के करहरा गांव स्थित ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल सामौर बाबा धाम अब उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन विकास का मॉडल बनकर उभरा है। उच्च कोटि की स्वच्छता, सुनियोजित संचालन, सुदृढ़ रख-रखाव और आकर्षक पर्यटन सुविधाओं के चलते यह स्थान केवल स्थानीय श्रद्धालुओं ही नहीं, बल्कि प्रदेश भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। राज्य सरकार के सहयोग और पर्यटन विभाग की सक्रियता से यहां पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सामौर बाबा धाम का विकास एक आदर्श मॉडल के रूप में सामने आया है और इसे प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों जैसे बरेली स्थित नाथ कॉरिडोर और पीलीभीत के गोमती उद्गम स्थल पर भी अपनाया जाएगा। इसी क्रम में पर्यटन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्वयं इस स्थल का भ्रमण करें और व्यवस्थाओं का अध्ययन करें। हाल ही में बरेली और मुरादाबाद मंडल के उपनिदेशक ब्रजपाल सिंह ने स्थल का दौरा किया।करहरा गांव, जो सिरसागंज से पेगू मार्ग पर लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, सामौर बाबा की चमत्कारी मान्यताओं और आध्यात्मिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां शिव की दैवीय शक्ति से युक्त मूर्तियां सैकड़ों वर्ष पूर्व स्वयं प्रकट हुई थीं।
यह स्थल रिद्धि-सिद्धि से जुड़ी कई चमत्कारी घटनाओं और किवंदतियों का केंद्र रहा है। प्राचीन काल से यहां मोहर छठ और होली के अवसर पर भव्य मेला लगता है, जहां नवविवाहित दंपती विवाह की पगड़ी (मोहर) विसर्जित कर चिरंजीवी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।परिसर में गंगा जल का प्रवाह नहर के माध्यम से पुनः शुरू कराया गया है, जो एक सुंदर सरोवर में समाहित होता है।
इससे सरोवर का जल सदैव स्वच्छ बना रहता है। सरोवर के चारों ओर आकर्षक सीढ़ियां बनाई गई हैं, साथ ही दोनों ओर खूबसूरत गज़ीबो बनाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विश्राम स्थल का कार्य करते हैं। इसके अलावा म्यूजिकल फाउंटेन और नौकायन की सुविधाएं भी यहां उपलब्ध हैं, जिससे यह धार्मिक स्थल अब एक समग्र पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका है।स्थल का विकास पूरी तरह सुनियोजित ढंग से किया गया है। ग्राम और मुख्य मार्ग की ओर से दो भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण कराया गया है। परिसर में सत्संग हॉल, सुलभ शौचालय, दुकानों, पक्के पहुँच मार्ग, स्टोन डस्टविन, स्टोर बेंच, मंदिर परिसर में रेड स्टोन की फर्श, पार्क और बच्चों के खेल मैदान, कुंड के सुदृढ़ीकरण जैसे कार्य संपन्न किए जा चुके हैं। इसके साथ ही दो भव्य गज़ीबो भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।
मंत्री जयवीर सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मॉडल को अन्य धार्मिक स्थलों पर लागू करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और सांस्कृतिक पहचान को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि सामौर बाबा धाम जैसा विकास मॉडल प्रदेश के धार्मिक पर्यटन का चेहरा बदलने की दिशा में एक अहम कदम है।