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सहायक श्रमायुक्त के निर्देश का नहीं हुआ असर , जांच में सरकारी धन के दुरुपयोग का आया था मामला , स्थानीय लेबर अफसर की भूमिका बनी हुई है संदिग्ध

मीरजापुर -: (चुनार, ) -: श्रम विभाग मीरजापुर आए दिन अपने कारनामों को लेकर चर्चित है। चुनार लेबर अफसर ज्ञानेंद्र सिंह द्वारा एक फर्जी निर्माण श्रमिक को लाभ दिए जाने का मामला आईजीआरएस के माध्यम से उच्चाधिकारी के समक्ष आया है। बीते माह 8 अप्रैल 2025 को सहायक श्रम आयुक्त सुविज्ञ सिंह ने मामले की जांच की तो पता चला सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। लेबर अफसर ने ठीक से जांच नहीं की।
श्रमायुक्त ने उक्त फर्जी निर्माण श्रमिक तथागत हलवाई संतोष कुमार यादव पुत्र स्वर्गीय मिश्रीलाल निवासी सद्दुपुर चुनार द्वारा गलत तरीके से ली गई लाभ के रिकवरी के साथ साथ कुटरचित प्रपत्र लगाकर लाभ लेने के मामले में चुनार थाने में अभियोग पंजीकृत कराने का निर्देश दिया था, जो अब तक नहीं हुआ। नाम उजागर न करने के शर्त पर एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि मामला शिशु हितलाभ का है। संतोष के खाते में 31 हजार रुपया गया है। वसूली के साथ-साथ कूटरचित दस्तावेज लगाकर लाभ लेने के मामले में सुसंगित धाराओं में स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करने को निर्देश दिया है फिलहाल अभी एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है।
चर्चा है कि चुनार लेबर अफसर खुद का गला फंसा देख, बचाने की कवायद में लगे है। बताया जाता है कि विभागीय निर्देश को दरकिनार कर मामले में लीपापोती करने में जुटे लेबर अफसर अब भी अधिकारी को गुमराह करने में लगे है। ज्ञात हो कि लेबर अफसर ज्ञानेंद्र सिंह पर यह कोई पहला आरोप नहीं है इसके पूर्व भी प्रयागराज जनपद में तैनाती के दौरान हुए एक मामले में अपर सचिव बोर्ड द्वारा गठित टीम जांच कर रही है। आरोप है इन्होंने फर्जी निर्माण श्रमिक बनाकर तथा गलत योजना आवेदन में जमकर लूटपाट की है। देखना अब यह है कि सहायक श्रमायुक्त मीरजापुर अपने आदेश को लेकर कितने सजग व सक्रीय हैं।