ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन द्वारा बीड जिले के सनगाव की महिला वकील ज्ञानेश्वरी अंजन पर हुए हमले की निंदा और कड़ी कार्रवाई की मांग

दिनांक 14 अप्रैल 2025 को, महाराष्ट्र के बीड जिले के अंबाजोगाई तालुका के सनगाव में सत्र न्यायालय में वकालत करने वाली महिला वकील ज्ञानेश्वरी अंजन पर गांव के सरपंच और उसके 9 सहयोगियों द्वारा खेत में घेरकर डंडों और जेसीबी पाइप से बुरी तरह अमानवीय मारपीट की गई।
यह घटना ध्वनि प्रदूषण के मुद्दे पर हुई। अंजन को धार्मिक स्थलों पर तेज़ लाउडस्पीकर के शोर और घर के पास आटा चक्कियों के लगातार शोर के कारण माइग्रेन की परेशानी हो रही थी। उन्होंने पहले सरपंच से शिकायत करके शोर कम करने का अनुरोध किया था। सरपंच ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन कुछ नहीं किया। इसके बाद अंजन ने युसुफ-वडगाव पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिससे कुछ समय के लिए शोर कम हो गया था।
लेकिन, 14 अप्रैल को सरपंच अनंत अंजन और उसके सहयोगियों ने अंजन के घर आकर उन्हें धमकी दी। उन्होंने पूछा, “अब क्या तुम गांव में धार्मिक अनुष्ठानों की अनुमति दोगी?” इसके बाद उन्होंने अंजन को खेत में ले जाकर डंडों और लोहे के पाइप से अमानवीय तरीके से बुरी तरह पीटा। इस मारपीट में वे गंभीर रूप से घायल हो गईं और तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। वर्तमान में वे घर वापस आ गई हैं, लेकिन 18 अप्रैल 2025 तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। आरोपी फरार हैं और अंजन के परिवार को धमकियां दी हैं।
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ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, महाराष्ट्र राज्य इस घटना की कड़ी निंदा करता है। वकील न्याय प्रणाली का अभिन्न अंग हैं, और उन पर हुआ यह हमला कानून और व्यवस्था को चुनौती देने वाला है। ज्ञानेश्वरी अंजन ने अपने मौलिक अधिकारों के लिए आवाज उठाया था, लेकिन उन्हें हिंसक तरीके से भीड़ द्वारा मारपीट की गई। यह अत्यंत निंदनीय है। पुलिस द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से वकीलों की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंता उत्पन्न हो गई है।
ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, महाराष्ट्र राज्य मांग करता है, कि आरोपी सरपंच और उसके सहयोगियों को तुरंत गिरफ्तार करके उन पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। वकीलों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून और संरक्षण तंत्र स्थापित किया जाए। वकीलों के इस अखिल भारतीय संगठन ने मांग की है, कि पुलिस द्वारा इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच करके आरोपियों को सजा मिले ये सुनिश्चित किया जाए। ध्वनि प्रदूषण के नियमों का कड़ाई से पालन कराकर उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।