अब 9 तारीख का इंतजार
नई दिल्ली। किसानों के गतिरोध के बीच सरकार से शनिवार को हुई पाचंवे राउंड की मीटिंग बेनतीजा रही। विज्ञान भवन में हुई किसान नेताओं और मोदी सरकार के मंत्रियों की मीटिंग के दौरान माहौल गरमागरम रहा। मीटिंग में बात ना बनने पर किसान नेताओं ने विज्ञान भवन से बाहर जाने की बात तक कह दी।
इस बार गरमागरम माहौल में बैठक हुई। मोदी सरकार के तीनों मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश का मिजाज भले ही नरम रहा हो, लेकिन किसान नेता मांगों को लेकर मुखर रहे। यहां तक कि बात न बनने पर किसान नेताओं ने विज्ञान भवन से बाहर जाने की बात कह दी। किसान नेताओं की बायकाट की चेतावनी पर मीटिंग बाधित हुई। पूरे पांच घंटे चली मीटिंग में कई मौके ऐसे आए, जब बातचीत पटरी से उतरती दिखी। हालांकि, मंत्रियों ने मामले को संभाल लिया।
विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे से पांचवें राउंड की बैठक शुरू हुई। करीब ढाई घंटे बाद लंच ब्रेक हुआ। किसानों ने फिर से सरकारी खाना ठुकराते हुए अपना खाना मंगाकर फर्श पर बैठकर खाया। लंच के बाद जब फिर से दूसरे दौर की बैठक शुरू हुई तो किसानों ने यस-नो का प्लेकार्ड लहराना शुरू कर दिया।
किसान नेता ने रखा मौन
किसान नेताओं ने मंत्रियों से कहा, “सरकार कानून वापस लेगी या नहीं, यस या नो में जवाब दीजिए।” जब मंत्रियों ने स्पष्ट कुछ भी कहने से इनकार कर दिया तो सभी 40 किसान नेता, होठों पर अंगुली रखकर मौन हो गए। आधे घंटे तक किसान नेताओं ने एक शब्द नहीं बोला और सिर्फ यस-नो में जवाब मांगने वाले प्ले कार्ड मीटिंग में लहराते दिखे। इससे परेशान हुए तीनों मंत्रियों ने किसानों को समझाते हुए कहा, “बिना वार्ता के कैसे गतिरोध दूर हो सकता है? आप लोग बातचीत में सहयोग करें, जिससे कोई हल निकल सके।”
किसानों ने दी बायकाट की चेतावनी
इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि सरकार बार-बार बैठकों की तारीख देकर मामले को टाल रही है। तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग मानने की जगह सरकार टालमटोल कर रही है। अगर बैठक में स्पष्ट आश्वासन नहीं मिलता तो फिर सभी किसान नेता बायकाट कर देंगे।
भारत बंद की अपील वापसी का अनुरोध
इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बैठक के बहिष्कार से कोई हल नहीं निकलने वाला है। जो कुछ गलतफहमियां रह गई हैं, उन्हें नौ दिसंबर की बैठक में चर्चा कर सुलझाने की कोशिश होगी। मंत्रियों ने आठ दिसंबर को भारत बंद की अपील वापस लेने की अपील की, लेकिन किसान नेताओं ने स्पष्ट मना कर दिया। उनका कहना था कि जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेगी, आंदोलन जारी रहेगा।
किसान नेताओं ने शनिवार की बैठक के बाद कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि वे हमें 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेंगे। हम (किसान) आपस में इस पर चर्चा करेंगे, जिसके बाद उसी दिन उनके साथ बैठक होगी। वहीं, किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि हम कानून रद्द करा कर ही मानेंगे। इससे कम पर हम मानने वाले नहीं हैं।
मांगों पर अड़े किसान
किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान दस दिनों से डटे हुए हैं और तमाम मसलों को लेकर पांच बार केंद्र सरकार के साथ चर्चा हुई है। मगर अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आाया है।
किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ठोस भरोसा चाहते हैं। वहीं केंद्र सरकार कानूनों को वापस लेने की बात तो नहीं मान रही है लेकिन किसानों की कुछ ऐसी मांग हैं, जिनपर सरकार राजी होती दिख रही है।