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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नहीं लगाने होंगे RTO के चक्कर, इन जगहों पर भी दे सकते हैं टेस्ट

शिमला-:  ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए अब लोगों को आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसको लेकर नियमों में बड़ा बदलाव किया है। राज्य सरकार इसी साल से इन नियमों को लागू करने की तैयारी में है। परिवहन निदेशालय ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत सरकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) के बजाय निजी ड्राइविंग स्कूलों में ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं।

खोले जाएंगे ड्राइविंग टेस्टिंग स्टेशन

हिमाचल में इसके लिए ड्राइविंग टेस्टिंग स्टेशन खोले जाएंगे। निजी क्षेत्र के सहयोग से ये केंद्र खोले जाएंगे। विभाग ने इस योजना का प्रचार प्रसार करना शुरू कर दिया है ताकि ज्यादा से ज्यादा सेंटर हिमाचल में खुल सकें।

                                                      इन निजी स्कूलों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवश्यक परीक्षण लेने और प्रमाण पत्र प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी। लाइसेंस जारी करने की एक मात्र औपचारिकता ही परिवहन विभाग के पास रह जाएगी। इस नियम के लागू हो जाने के बाद आरटीओ कार्यालयों के चक्कर लगाने से लोगों को छूट मिलेगी।
डीटीसी खोलने के लिए मिलेगा अनुदान
परिवहन निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि केंद्र सरकार ने यह नियम बनाया है। डीटीसी यानि ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए केंद्र सरकार अढाई करोड़ से 7 करोड़ तक का अनुदान भी देगी। हिमाचल में निजी क्षेत्र में जो ड्राइविंग स्कूल चल रहे हैं वह भी इन केंद्रों को खोल सकते हैं, बशर्ते वह सारी सुविधाएं उनके पास होनी चाहिए जो इसमें निहित है। सेंटर का बाकायदा निरीक्षण किया जाएगा। सभी सुविधाएं होने के बाद ही वह इसे चला सकेगा।
ट्रेनिंग सेंटर के पास होनी चाहिए इतनी जमीन
नियमों के मुताबिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के पास कम से कम 1 एकड़ जमीन होनी चाहिए। यदि वे चार पहिया वाहनों के लिए प्रशिक्षण देते हैं, तो उन्हें दो एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। ड्राइविंग स्कूलों को उचित परीक्षण सुविधा होनी चाहिए। प्रशिक्षकों के पास हाई स्कूल डिप्लोमा कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव के साथ बायोमेट्रिक्स और आईटी सिस्टम का ज्ञान होना चाहिए। ड्राइविंग प्रशिक्षण व ड्राइविंग टेस्ट की वेरिफिकेशन के लिए नियम इतने सख्त हैं कि कोई इसमें फ्राड नहीं कर सकेगा।

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