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प्रशासन की लापरवाही के चलते PGI को करोड़ों का नुकसान, ऑडिट रिपोर्ट में हुआ खुलासा !

चंडीगढ़। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) में वर्ष 2020-21 के दौरान 286 दुकानों के खाली रहने से संस्थान को 18.02 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का खुलासा हुआ है। यह खुलासा ऑडिट रिपोर्ट में हुआ, जिसमें संस्थान की टेंडर प्रक्रिया और किराया प्रबंधन की गंभीर खामियों की ओर इशारा किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार 13 दुकानें विभागीय टेंडर प्रक्रिया की विफलता के कारण खाली रहीं। वहीं, बाकी 273 दुकानें अन्य कारणों से बिना किराएदार के खाली पड़ी रहीं। खाली पड़ी दुकानों में पीजीआई के अलग-अलग हिस्सों में बनी दुकानें शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार खाली पड़ी दुकानों को किराए पर देने के लिए पीजीआई प्रशासन की ओर से लापरवाही बरतते हुए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

चंडीगढ़ पीजीआई में वर्ष 2020-21 के दौरान 286 दुकानों के खाली रहने से संस्थान को 18.02 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का खुलासा हुआ है। ऑडिट रिपोर्ट में टेंडर प्रक्रिया और किराया प्रबंधन में गंभीर खामियों का भी उल्लेख है। रिपोर्ट के अनुसार 13 दुकानें विभागीय टेंडर प्रक्रिया की विफलता के कारण खाली रहीं जबकि बाकी 273 दुकानें अन्य कारणों से बिना किराएदार के पड़ी हैं।

  • टेंडर प्रक्रिया में खामियों के चलते खाली पड़ी रही दुकान
  • टेंडर प्रक्रिया पर 23 लाख का अतिरिक्त खर्च करने का भी खुलासा
  • चंडीगढ़ पीजीआई में 273 दुकानें खाली रहने का खुलासा

टेंडर प्रक्रिया पर 23 लाख का अतिरिक्त खर्च

दो साल के लिए दिया जाता है किराया
पीजीआई अपनी दुकानों, कैंटीन और पार्किंग स्थलों को दो साल की अवधि के लिए किराए पर देता है, जिसे एक साल तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, संस्थान की लापरवाही और योजनाओं की कमी के कारण राजस्व का भारी नुकसान हुआ है।
सुरक्षा जमा राशि और परफॉर्मेंस बैंक गारंटी को लेकर सख्त नियम लागू
पीजीआई के पार्किंग के टेंडर को लेकर लाइसेंस शर्तों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा जमा राशि और परफॉर्मेंस बैंक गारंटी से जुड़े कड़े नियम है। नियम के अनुसार लाइसेंस धारकों से आठ लाख रुपये की सुरक्षा जमा राशि ली जाएगी। इसके साथ 12 लाख रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी अनिवार्य है। यह राशि किसी भी अनुसूचित बैंक से पीजीआई के पक्ष में अनुबंध अवधि (12 महीने) और अतिरिक्त 6 महीने यानी कुल 18 महीने के लिए वैध होगी। इसके साथ निर्धारित समय सीमा के भीतर परफॉर्मेंस बैंक गारंटी जमा न करने पर प्रतिदिन 2500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि देरी 15 दिनों से अधिक होती है, तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाने का नियम है।

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