प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने में राज्य कर विभाग का होगा महत्वपूर्ण स्थान – प्रमुख सचिव राज्य कर
लखनऊ : – ( 09 दिसम्बर 2024 ) -: उत्तर प्रदेश के राज्य कर विभाग के प्रशिक्षण संस्थान का नाम ‘वाणिज्य कर अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान’ से परिवर्तित करते हुए ‘उत्तर प्रदेश राज्य कर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान’ किये जाने की राज्यपाल महोदय ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब यह संस्थान उत्तर प्रदेश राज्य कर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के नाम से जाना जायेगा।
यह जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव, राज्य कर श्री एम० देवराज ने बताया कि प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकारियों से परस्पर संवाद कर उनके प्रशिक्षण को और अधिक उन्नत बनाने, करापवंचन को रोकने तथा राजस्व प्राप्ति के नये स्रोतों को खोजने हेतु संस्थान में शोध किये जाने संबंधी प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दिये गये थे। जिसके क्रम में आयुक्त, राज्य कर द्वारा प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया, जिस पर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। इससे अधिकारियों की कार्यशैली, राजस्व प्राप्ति, करापवंचन को रोकने में सुधार होगा।
वाणिज्य कर अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान अब उत्तर प्रदेश राज्य कर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के रूप में जाना जायेगा
प्रमुख सचिव ने बताया कि राज्य कर विभाग का उत्तर प्रदेश के विकास एवं राजस्व संग्रह में महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश के कुल राजस्व का एक बड़ा भाग केवल राज्य कर विभाग द्वारा प्राप्त किया जाता है। माननीय मुख्यमंत्री जी के संकल्प, कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य की प्राप्ति की दृष्टि से भी यह विभाग महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने बताया कि राज्य कर विभाग के अधिकारियों को मिलने वाली आधारभूत, व्यवसायिक एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण को और उन्नत बनाने के उद्देश्यो से प्रयागराज जनपद में अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना सन् 1931 में की गयी थी। जिसे वर्तमान में स्थानांतरित करते हुए विभूति खण्ड गोमतीनगर लखनऊ में स्थापित किया गया है।