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‘वास्तविक व्यवस्थाओं को जानें फिर…,’ विपक्ष के सवालों पर किरेन रिजिजू का जवाब !

नई दिल्ली -: संविधान दिवस कल यानी 26 नवंबर को मनाया जाएगा। इस बार सरकार संविधान दिवस को खास अंदाज में मनाने जा रही है। संविधान दिवस के अवसर पर संसद के संयुक्त सत्र का आयोजन किया जाएगा। इस सत्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित करेंगी। संविधान दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर विपक्ष लगातार सवाल कर रहा है। विपक्ष के सवालों का संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब दिया है। उन्होंने एक पीसी के दौरान कहा कि कुछ विपक्षी दलों के साथ समस्या यह है कि उन्होंने वास्तविक व्यवस्थाओं को जाने बिना ही प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। बिना कुछ जाने प्रतिक्रिया देना निंदनीय है।

                                                                 संविधान दिवस कल यानी 26 नवंबर को मनाया जाएगा। संविधान दिवस के अवसर पर संसद के संयुक्त सत्र का आयोजन किया जाएगा। इस सत्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित करेंगी। आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर विपक्ष लगातार सवाल कर रहा है। संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मंगलवार से वर्ष भर समारोह आयोजित होंगे।

विपक्ष को पहले सब कुछ जानना चाहिए – : रिजिजू
विपक्ष के नेताओं ने मांग की थी कि इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है। इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा,“कुछ विपक्षी दलों के साथ समस्या यह है कि उन्होंने वास्तविक व्यवस्थाओं को जाने बिना ही प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है।
                       प्रधानमंत्री भी कल समारोह में नहीं बोल रहे हैं। केवल लोकसभा अध्यक्ष, उपराष्ट्रपति और भारत के राष्ट्रपति ही बोलेंगे। दूसरी बात, हमने लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी नेताओं के लिए मंच पर बैठने की व्यवस्था की है। बिना कुछ जाने, एक बहुत ही गंभीर अवसर पर इस तरह की प्रतिक्रिया अपने आप में निंदनीय है।”

संविधान दिवस पर होंगे कई कार्यक्रम – : संविधान दिवस के मौके पर सरकार कई कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि संविधान के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष वेबसाइट बनाई गई, इसमें संविधान सभा की बहसें, पैनल की रिपोर्टों की जानकारी मिल सकेगी। केंद्रीय संस्कृति सचिव ने बताया कि संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मंगलवार से वर्ष भर समारोह आयोजित होंगे। देश भर के स्कूलों, शहरों, गांवों में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया जाएगा। गौरतलब है कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। पहली बार 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान अपनाया गया था।

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