प्रयागराज

हाईकोर्ट ने नाबालिग से अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी को दी जमानत, बताई ये वजह !

प्रयागराज -: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपित जावेद आलम को हाल ही में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने यह आदेश दिया है। उसके खिलाफ बजरंग दल कार्यकर्ता की तरफ से अपहरण तथा दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए अन्य धाराओं के साथ ही उप्र गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 के तहत जीआरपी कानपुर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

कोर्ट ने आरोपित को दी जमानत
कोर्ट ने कहा, ‘सीआरपीसी की धारा 161 और 164 के अपने बयानों में पीड़िता ने कहा कि जब प्राथमिकी दर्ज की गई थी, तब उसकी उम्र 17 वर्ष से अधिक थी। उसने आरोपित से विवाह किया है और स्वेच्छा से उसके साथ गई थी। जांच के दौरान उसने जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें यह भी कहा है कि अपीलार्थी उसका पति है।कोर्ट ने वर्तमान में 18 वर्ष से अधिक आयु की बताई जा रही पीड़िता की तरफ से प्रस्तुत वकील की इस दलील पर भी विचार किया कि अगर आवेदक को जमानत पर रिहा किया जाता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपित जावेद आलम को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने अपने बयानों में कहा है कि जब प्राथमिकी दर्ज की गई थी तब उसकी उम्र 17 वर्ष से अधिक थी। उसने आरोपित से विवाह किया है और स्वेच्छा से उसके साथ गई थी। कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी है।

10वीं की छात्रा का हुआ था अपहरण -:

प्राथमिकी में आरोप है कि जावेद ने 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली हिंदू नाबालिग लड़की का ट्रेन में अपहरण कर लिया। इसके बाद बहला-फुसला कर उसने उसका धर्म बदलवाया और फिर साथ शारीरिक संबंध स्थापित कर लिया। याची के वकील ने कहा कि केवल इस कारण झूठा मामला दर्ज किया गया है कि याची मुस्लिम समुदाय से है और लड़की हिंदू समुदाय से। कोर्ट ने शर्त लगाई है कि याची प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रलोभन नहीं देगा। सुबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा, किसी भी आपराधिक और असामाजिक कार्य में शामिल नहीं होगा। शर्त के उल्लंघन की स्थिति में अभियोजन जमानत रद करने की मांग कर सकेगा। आपको बता दें कि फूलपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के कारण इलाहाबाद उच्च न्यायालय की प्रधानपीठ प्रयागराज में 20 नवंबर बुधवार को अवकाश रहेगा। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में इस दिन सामान्य कामकाज होगा। यह आदेश रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से दिया गया है। यह अवकाश निगेशिएबल इंस्ट्रूमेंट अधिनियम, 1881 (अधिनियम संख्या 26, 1881) की धारा 25 के अंतर्गत रहेगा।

 

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