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जैतो-चंदभान सड़क निर्माण में अनियमितता का आरोप, लोगों ने की विजिलेंस जांच की मांग

जैतो – जैतो से लेकर चंदभान तक पिछले कई वर्षों से टूटी हुई सड़क जब लगभग चार माह पूर्व बनी थी तो लोगों ने शुक्र मनाया था। लेकिन चार माह बाद ही यह सड़क जगह-जगह से टूट गई है और इसमें गड्ढे बन चुके हैं। जिसके चलते लोगों ने इस सड़क को बनाने के लिए घटिया सामग्री का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए इस मामले की विजिलेंस जांच की मांग उठाई गई है। जबकि दूसरी ओर विभाग इस तरह के आरोपों को नकार रहा है।                     उल्लेखनीय है कि जैतो से लेकर चंदभान तक लगभग पांच किलोमीटर सड़क को बने हुए लगभग 12 वर्ष बीत चुके थे और यह सड़क बिलकुल जर्जर हो चुकी थी तथा इसमें जगह-जगह गड्ढे बन चुके थे। जिनके कारण यहां आए दिन होने वाले हादसों ने जहां कई लोगों की जान ले ली थी वहीं कइयों को अपंग बना दिया था।

चार महीने में पूरा हुआ काम

              इसी के चलते लोगों के आक्रोश था और इसे देखते हुए राज्य सरकार ने इसके पुनर्निर्माण के लिए 3.65 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी। जिसके पश्चात इसका निर्माण लगभग चार महीने पहले पूरा हो गया था। लंबे समय से इस सड़क के कारण परेशानी झेल रहे लोग इस बात के लिए शुक्रगुजार थे कि उन्हें खुशी की सांस मिली है। क्योंकि इसके कारण बठिंडा आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था।लेकिन लोगों की यह खुशी बहुत दिन तक नहीं टिक पाई।

                                       
                     वर्षा का मौसम शुरु होते ही यह सड़क दो बार हुई वर्षा को भी नहीं झेल पाई और सड़क जगह-जगह से टूट गई तथा इसमें गड्ढे बन गए। उल्लेखनीय है कि यह मुद्दा उठा तो विभाग के आदेशों पर ठेकेदार द्वारा इस सड़क पर फिर से पैच वर्क कर दिया गया। परन्तु इसके चलते यह पूरा मामला संदिग्ध बन गया है कि करोड़ों रुपये की लागत से बनी इस सड़क का इतनी जल्दी टूट जाना इसके बनाने में अनियमतताओं की ओर संकेत करता है।
बाईपास जैतो से काफी दूर पड़ता है

हालांकि विभाग द्वारा इसका एक कारण अधिक ट्रैफिक बताया जा रहा है परन्तु बनाने से पहले विभाग को यह पता ही है कि जो व्हीकल बठिंडा से जैतो आते हैं उन्हें इसी सड़क से होकर गुजरना होगा वह बाईपास पर नहीं जाते। क्योंकि बाईपास जैतो से काफी दूर पड़ता है।दूसरी ओर इस संबंध में लोगों ने सड़क को बनाने में ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का आरोप लगाया है।

                                 लोगों का कहना है कि इस सड़क पर जो सामग्री डाली गई है वह सही नहीं है, सड़क की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा बनते समय या उसके पश्चात इसकी जांच क्यों नहीं की गई इसके लिए अधिकारियों से भी पूछताछ होनी चाहिए। क्योंकि यदि इस तरह कोई सड़क छह माह भी नहीं काट पाए तो स्पष्ट है कि इसे बनाते समय घपला अवश्य हुआ है। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ गुरमेल सिंह से बात की गई तो उन्होंने आरोपों को नकारते हुए कहा कि सड़क मानकों के अनुसार सही है। उन्होंने सड़क टूटने का कारण सड़क पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक को बताया है। उनका कहना है कि हाईवे से हैवी व्हीकल टोल बचाने के लिए इस सड़क पर आते हैं इसलिए यह टूट गई है और उनके द्वारा ठेकेदार को कह कर इसे रिपेयर करवा दिया गया है।                                                           जैतो से चंदभान तक बनी सड़क चार महीने में ही टूट गई है। लोगों का आरोप है कि सड़क बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। विभाग इन आरोपों को नकार रहा है। सड़क पर अधिक ट्रैफिक होने के कारण इसके टूटने की बात कही जा रही है। लोगों ने विजिलेंस जांच की मांग की है।

  • 3.65 करोड़ रुपये की लागत से बनी थी जैतो से चंदभान 5 किमी सड़क
  • चार महीने बाद ही करना पड़ा पैचवर्क
  • विभाग के अनुसार सड़क सही, लोगों ने उठाई विजिलेंस जांच की मांग

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