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8 साल के बुमराह के गुजर गए थे पापा( बुमराह)

जसप्रीत बुमराह : इंटरनेशनल क्रिकेट में धूम मचा रहे जसप्रीत बुमराह  ( बुमराह) की पर्सनल लाइफ उतनी सिंपल नहीं रही है. जसप्रीत बुमराह के पिता का निधन तब हो गया था जब वह सिर्फ 7 साल के थे. जसप्रीत बुमराह के दादाजी संतोक सिंह बुमराह उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के रहने वाले थे. वह ऑटो चला कर अपना जीवन-यापन करते थे और वहां किराए के मकान में रहते थे.

बुमराह के दादाजी चलाते थे ऑटो
कभी गुजरात के अहमदाबाद में बटवा इंडस्ट्रियल स्टेट में बुमराह के दादाजी संतोख सिंह का जलवा था और वह महंगी कारों और हवाई जहाज में सफर किया करते थे. अहमदाबाद में उनकी तीन फैक्ट्रियां, जेके इंडस्ट्रीज, जेके मशीनरी इकोमेंट प्राइवेट लिमिटेड और जेके इकोमेंट थीं. इसके अलावा उनकी दो सिस्टर कंसर्न गुरुनानक इंजीनियरिंग वर्क्स और अजीत फैब्रीकेटर भी थीं.

8 साल के बुमराह के गुजर गए थे पापा

सारा कारोबार क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह के पिता जसवीर सिंह संभालते थे. साल 2001 में जसप्रीत बुमराह के पिता व अपने बेटे की बीमारी से मौत पर संतोख सिंह टूट गए और फैक्ट्रियां भी आर्थिक संकट से घिर गई. जिसके बाद जसप्रीत बुमराह की मां परिवारिक दिक्कतों की वजह से घर से अलग हो गई थीं. आज जसप्रीत बुमराह देश के बड़े क्रिकेटर बन गए.

साबरमती नदी के पास मिली थी दादाजी की लाश

दिसंबर 2017 में बुमराह के दादाजी संतोख सिंह बुमराह का शव अहमदाबाद में बरामद किया गया था. पुलिस के अनुसार, साबरमती नदी के गांधी ब्रिज और दधीचि ब्रिज के बीच में बुजुर्ग संतोख सिंह का शव मिला. 84 वर्षीय संतोख सिंह उत्तराखंड से जसप्रीत से मिलने अहमदाबाद आए थे. संतोख सिंह अहमदाबाद में अपनी बेटी और जसप्रीत की बुआ रविंदर कौर के घर पर रुके थे. रविंदर कौर के अनुसार जसप्रीत की मां ने अपने बेटे को दादा से मिलने नहीं दिया. वे किसी को भी उनसे मिलने नहीं देती थी. संतोख सिंह और जसप्रीत की मां की कथित तौर पर अनबन है जिसके चलते उन्हें जसप्रीत से मिलने नहीं दिया गया.
आज कामयाब क्रिकेटर हैं बुमराह

बुमराह की बुआ का दावा था कि बुमराह की मां ने उनके पिता को अपने पोते से मिलने नहीं दिया गया. बता दें कि राजेंदर कौर का कहना था कि जसप्रीत बुमराह की मां जिस स्कूल में पढ़ाती थी वहां भी वह मुलाकात के लिए गए थे. जिस वक्त जसप्रीत बुमराह के दादाजी का शव मिला था, उस वक्त वह टीम इंडिया की तरफ से 10 दिसंबर 2017 को श्रीलंका के खिलाफ धर्मशाला में वनडे मैच खेल रहे थे. बुमराह ने 2016 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और जल्द ही वह अपने अंतिम के ओवरों में लगातार यॉर्कर फेकने की काबिलियत की वजह से भारतीय टीम के प्रमुख गेंदबाज बन गए और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

 

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