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अपने संतानों की लंबी आयु तथा खुशहाली के लिए माताओं द्वारा रखा जाता है निर्जला व निराहार व्रत !
वैदिक परंपरा में संतानों के दीर्घायु व उनकी सुख – समृद्धि की कामना लिए माताओं द्वारा रखा जाने वाला व्रत *जीउत्पुत्रिका ( जीउतिया ) कल बुधवार को मनाया जाएगा | शहर समेत,ग्रामीण कस्बों मे चिउड़ा , सादी मिठाई ( केवल चीनी से बनने वाला एक विशेष मिष्टान्न जो जीवित्पुत्रिका व्रत में बतौर प्रसाद चढ़ाया जाता है ) फल और जीउतिया ( सोना-चाँदी युक्त लाल धागे से निर्मित एक विशेष माला जिसे पूजनोपरांत संतानों को पहनाया जाता है ) की दुकानों पर पूरे दिन खरीददारों की भारी भीड़ लगी रही,वैदिक तीज- त्योहारों के जानकारों के अनुसार इस दिन भगवान जीमूतवाहन का पूजन- अर्चन कर संतानों के लिए मंगल कामना किए जाने की परंपरा है, बाजारों में आज ( मंगलवार को ) इस व्रत में प्रयुक्त होने वाले सामानों की विशेष दुकानें लगाईं गईं हैं,।