उत्तर प्रदेश
दहेज मांगते थे लड़केवाले, ऐसे दे रहीं जवाब, ये हैं नए जमाने की ‘सिंगल’ MOM
लखनऊ. राजधानी की पॉपुलर रेडियो जॉकी रहीं वीरा सिंगल मॉम बनकर नई मिसाल कायम कर रही हैं। एक तरफ वो बेटी के रूप में अपनी बूढ़ी मां की देखभाल करती हैं, वहीं दूसरी तरफ वो अपनी गोद ली हुई बेटी का ध्यान रखती हैं। वीरा ने अब तक शादी नहीं की है और न करना चाहती हैं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अब बेटी वसु के नाम कर दी है। दिव्यांग बच्ची थी वसु, वीरा ने दी नई जिंदगी…
– वीरा बताती हैं, “मैंने वसु को वरदान शिशु केंद्र से अडॉप्ट किया था। तब वो महज 10 महीने की थी। वसु नॉर्मल बच्ची नहीं थी। उसका सिर एवरेज बच्चे से काफी बड़ा था।”
– “डॉक्टर्स का कहना था कि वसु के सिर में फ्लूइड भरा है। इसी वजह से उसकी ग्रोथ नॉर्मल बच्चों जैसी नहीं थी। वह दिनभर लेटी रहती थी। न बैठ पाती थी, न पलट पाती थी। उंगलियां चलाने में भी उसे दिक्कत होती थी,” वीरा ने बताया।
– अक्सर जब लोग बच्चे अडॉप्ट करने जाते हैं तो वे बच्चों की खूबसूरती से आकर्षित होते हैं। वीरा ने खूबसूरती से पहले जरूरत को अहमियत दी।
– वीरा बताती हैं, “वसु को अडॉप्शन से पहले कई लोगों ने रिजेक्ट किया। उसे पहली ही नजर में देखकर मुझे लगा कि यही मेरे दिल का टुकड़ा है। मैंने उसका इलाज अच्छे डॉक्टर्स के पास करवाया और अब वो पूरी तरह नॉर्मल है।”
– “डॉक्टर्स का कहना था कि वसु के सिर में फ्लूइड भरा है। इसी वजह से उसकी ग्रोथ नॉर्मल बच्चों जैसी नहीं थी। वह दिनभर लेटी रहती थी। न बैठ पाती थी, न पलट पाती थी। उंगलियां चलाने में भी उसे दिक्कत होती थी,” वीरा ने बताया।
– अक्सर जब लोग बच्चे अडॉप्ट करने जाते हैं तो वे बच्चों की खूबसूरती से आकर्षित होते हैं। वीरा ने खूबसूरती से पहले जरूरत को अहमियत दी।
– वीरा बताती हैं, “वसु को अडॉप्शन से पहले कई लोगों ने रिजेक्ट किया। उसे पहली ही नजर में देखकर मुझे लगा कि यही मेरे दिल का टुकड़ा है। मैंने उसका इलाज अच्छे डॉक्टर्स के पास करवाया और अब वो पूरी तरह नॉर्मल है।”
दे रही हैं बेहतर जिंदगी
– वीरा अपनी बेटी को लखनऊ के प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार ला मार्टीनियर स्कूल में पढ़ा रही हैं।
– 5 साल की वसु अपर प्रेप में पढ़ती है।
– वीरा अपना अधिकतर समय अपनी बेटी के साथ बिताती हैं।
– 5 साल की वसु अपर प्रेप में पढ़ती है।
– वीरा अपना अधिकतर समय अपनी बेटी के साथ बिताती हैं।
इसलिए नहीं की शादी
– वीरा ठाकुर परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
– शादी न करने के डिसीजन के बारे में वीरा ने बताया, “कोई ऐसा मिला ही नहीं जो वीरा से प्यार करे।”
– “छोटी उम्र में ही मेरे सिर से पिता का साया उठ गया था। मेरी मां ने मुझे पाल कर बड़ा किया। जब शादी का समय आया तो मेरी मां ने एक से बढ़कर एक रिश्ते देखे, लेकिन सभी मुझसे ज्यादा दहेज को प्यार करते थे।”
– वीरा का मानना है कि जब लड़की शादी करके लड़के के घर जा रही है तो दहेज की क्या जरूरत, लड़की ही काफी होना चाहिए।
– उनकी इसी सोच ने उनका शादी के बंधन से विश्वास उठा दिया।
– वीरा ने कहा, “दहेज़ की डिमांड की वजह से मैंने शादी से इंकार कर दिया। ठाकुरों में बेटी से ज्यादा दहेज़ को वरीयता दी जाती है।”
– शादी न करने के डिसीजन के बारे में वीरा ने बताया, “कोई ऐसा मिला ही नहीं जो वीरा से प्यार करे।”
– “छोटी उम्र में ही मेरे सिर से पिता का साया उठ गया था। मेरी मां ने मुझे पाल कर बड़ा किया। जब शादी का समय आया तो मेरी मां ने एक से बढ़कर एक रिश्ते देखे, लेकिन सभी मुझसे ज्यादा दहेज को प्यार करते थे।”
– वीरा का मानना है कि जब लड़की शादी करके लड़के के घर जा रही है तो दहेज की क्या जरूरत, लड़की ही काफी होना चाहिए।
– उनकी इसी सोच ने उनका शादी के बंधन से विश्वास उठा दिया।
– वीरा ने कहा, “दहेज़ की डिमांड की वजह से मैंने शादी से इंकार कर दिया। ठाकुरों में बेटी से ज्यादा दहेज़ को वरीयता दी जाती है।”
घर बसाने के लिए शादी नहीं है ज़रूरी
– वीरा कहती हैं हर लड़की को इस ग़लतफहमी से बाहर आ जाना चाहिए की घर बसने के लिए शादी की ज़रूरत होती है।
– “मैं वसु और अपनी मां के साथ खुश हूं। क्या मेरा घर बसा हुआ नहीं है?”
– वीरा ने कहा, “फरहान अख्तर, ऋतिक रोशन जैसे सितारों ने शादी के बाद लंबा समय अपने पार्टनर्स के साथ बिताया। एक दम से उन्हें महसूस हुआ कि वो एक दूसरे के लिए नहीं बने हैं। जो एक दूसरे को जितना बर्दाश्त करता है, उसका रिश्ता उतना ही लंबा चलता है। यह एक तरह का कॉम्प्रोमाइज ही है।”
– “मैं वसु और अपनी मां के साथ खुश हूं। क्या मेरा घर बसा हुआ नहीं है?”
– वीरा ने कहा, “फरहान अख्तर, ऋतिक रोशन जैसे सितारों ने शादी के बाद लंबा समय अपने पार्टनर्स के साथ बिताया। एक दम से उन्हें महसूस हुआ कि वो एक दूसरे के लिए नहीं बने हैं। जो एक दूसरे को जितना बर्दाश्त करता है, उसका रिश्ता उतना ही लंबा चलता है। यह एक तरह का कॉम्प्रोमाइज ही है।”