पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की बढ़ीं मुश्किलें, सीबीआई के बाद अब ED ने घर पर मारा छापा !
कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार की सुबह छापामारी की। ईडी की कार्रवाई अभी जारी है। केंद्रीय एजेंसी ने वित्तीय अनियमितताओं के मामले में पीएमएलए का मामला दर्ज किया है। बता दें कि संदीप घोष फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं। मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में उन्हें तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने अन्य ठिकानों पर भी छापा मारा है।
RG Kar Medical College कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ एक्शन लिया है। इससे पहले दो सितंबर को सीबीआई ने संदीप घोष को तीन अन्य सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था। संदीप घोष पर वित्तीय कदाचार का आरोप है।
- हावड़ा में दो स्थानों पर ईडी ने मारा छापा।
- वित्तीय अनियमितता केस में बड़ा एक्शन।
- संदीप घोष को CBI कर चुकी है गिरफ्तार।
इन जगहों पर ईडी का एक्शन
ईडी ने घोष के कोलकाता के बेलेघाटा स्थित आवास पर छापा मारा। इसके अलावा टीम दो अन्य लोगों के हावड़ा स्थित आवास पर भी पहुंची। नौ अगस्त को एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिला था। इस मामले की पहले जांच कोलकाता पुलिस ने की। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच कर रही है। इस बीच मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे।
16 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने जांच की खातिर एसआईटी का गठन किया। हालांकि अगले ही दिन हाईकोर्ट ने यह केस भी सीबीआई को सौंप दिया। महिला डॉक्टर की हत्या के 26वें दिन वित्तीय कदाचार के मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उनके तीन सहयोगियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया। सीबीआई ने 24 अगस्त को मामला दर्ज किया था।
संदीप घोष पर क्या आरोप लगे?
आरजी कर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पूर्व प्रिंसिपल पर वित्तीय कदाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने मामले की जांच ईडी से कराने की अपील की थी। सीबीआई ने इस मामले में संदीप घोष के अलावा सुरक्षा गार्ड अफसर अली, बिप्लब सिंह और सुमन हाजरा को गिरफ्तार किया है। संदीप घोष पर टेंडरों में पक्षपात, मेडिकल आर्गेनिक कचरे की अवैध बिक्री और रुपये लेकर मेडिकल छात्रों को पास कराने का आरोप है।