उत्तर प्रदेश
दलदल में बेजुबान, हलक में अटकी जान, जिम्मेदार बने अनजान !

हमीरपुर-(सरीला ) – जनपद में रुक रुक्कर हो रही बारिश से जहां गौशालाओं में बन्द गोवंशों का जीवन अस्त-व्यस्त है। वहीं गोशालाओं का हाल बेहाल है। कुछ गोशालाओं में इंटरलॉकिंग ईंटें बिछी होने से स्थिति ठीक है। लेकिन ज्यादातर छोटी और अस्थाई गोशालाओं के परिसर में बारिश की वजह से दलदल है। इनमें गोवंश परेशान हो रहे हैं।

जिम्मेदार जानकर अनजान बने है। ताजा मामला सरीला ब्लॉक के ममना गांव में बनी स्थाई गोशाला का है जहाँ पर बंद गोवंश नर्क का जीवन व्यतीत कर रहे है। जानकारों की माने तो गोशाला पूरी तरह दलदल में तब्दील हो गई जिसमें बंद मवेशियों की जान हल्क में अटकी हुई है। रात रात भर मवेशी खड़े होकर या दलदल में बैठकर काट रहे है।
वही जानकारी के अनुसार गोशाला में कही पर मवेशियों को खाने के लिए भूसा डालने की जगह नही है जिससे बंद मवेशी खा सके जबकि कागजो में प्रत्येक दिन चारा, भूसा खिलाने के रिकार्ड दर्ज कर ग्राम प्रधान और संबंधित अधिकारी सरकारी धन का बंदरबांट करने में लगे हुए है। ग्रामीणों की माने तो दलदल में जानवरो की मौत तक हो जाती है जो केयरटेकर दफना देते है।
गोशाला पूरी तरह से दलदल में तब्दील हो गई है जिसमे जानवरो को खाने पीने सहित अन्य समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। वही टीन शेड के अंदर कीचड़ लबालब भरा हुआ है जिस और किसी जिम्मेदार का कोई ध्यान नही जा रहा है। जनपद में लगभग अधिकतर गोशालाओं की स्थिति इस कदर है कि कही पर भी हरा चारा व बरसात में भूसा तक गवंशो को नसीब नही हो रहा।
जानकारों की मानें तो चरवाह दिन के बारह बजे बन्द गवंशो को चराने ले जाते है जो शाम 5 बजे तक वापस उसी दलदल भरे गोशाला में बन्द कर देते है जिससे गोशालाओं में बन्द गोवंश नरक में जीवन यापन करने को मजबूर है। जब इस सम्बंद में उपजिलाधिकारी रामकुमार गुप्ता को स्थिति से अवगत कराया तो जांचकर आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही