अमेठी में पार्टी के आंतरिक सुधार की आवश्यकता: नए कार्यकर्ताओं को मौका देने पर जोर !
अमेठी -: हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सांसद स्मृति ईरानी जी को हार का सामना करना पड़ा। इस हार के पीछे संगठन के भीतर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे उभर कर सामने आए हैं। चुनाव में हार का एक बड़ा कारण उन पदाधिकारियों का प्रदर्शन रहा है, जो बड़े-बड़े पदों पर आसीन हैं, लेकिन अपने ही गांव और बूथ पर जीत दर्ज नहीं कर सके।
समस्या का मूल कारण यह है कि इन पदाधिकारियों का अपने बूथ और गांव के प्रति व्यवहार और विचारधारा सकारात्मक नहीं रही है। इसके बावजूद, अब इन्हीं लोगों को पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत 200 नए सदस्य बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। यह एक गंभीर प्रश्न है कि जो अपने बूथ पर जीत नहीं दिला सके, वे कैसे 200 नए सदस्य बनाने में सफल होंगे?
पार्टी के उच्च पदाधिकारियों और जिला अध्यक्ष को इस पर विचार करना चाहिए कि सदस्यता अभियान शुरू करने से पहले संगठन में कार्यकर्ताओं का बदलाव आवश्यक है। पार्टी में वर्तमान में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कार्यकर्ता के नाम पर केवल ठेकेदारी, और अन्य कार्यों में लगे हुए हैं। उनके बूथ के लोग भी उनसे असंतुष्ट हैं। ये लोग सदस्य तो बना लेंगे, लेकिन जब मतदान का समय आएगा, तो वही पुराना इतिहास दोहराया जाएगा।
यह आवश्यक है कि ऐसे कार्यकर्ताओं को बदलकर नए और जोशीले कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाए, ताकि सदस्यता अभियान में नया उत्साह और जोश दिखाई दे। वर्तमान में, संगठन में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो केवल सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए फोटो प्रकाशित कराते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं करते। इन समस्याओं का समाधान तब तक नहीं होगा जब तक कि ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर नहीं किया जाएगा और नए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। जब तक यह बदलाव नहीं होगा, तब तक अमेठी में पार्टी में सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती। पार्टी को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।