लखनऊ यूनिवर्सिटी देगी रतन टाटा को मानद उपाधि
लखनऊ विश्वविद्यालय 19 जनवरी को होने वाले अपने 58वें दीक्षांत समारोह में प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा को डीलिट की मानद उपाधि देने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों की मानें तो इसके लिए विवि का परीक्षा विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसे लेकर विवि प्रशासन उत्साहित है।
जल्द ही प्रस्ताव रतन टाटा को भेजकर उनकी स्वीकृति ली जाएगी।इस संबंध में कुलपति प्रो. एसबी निमसे ने बताया कि रतन टाटा एक जाने माने उद्योगपति होने के साथ समाज सेवा से भी जुड़े हुए हैं।
उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने के साथ ही विभिन्न ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा की है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज शिक्षा के क्षेत्र में जाना-माना नाम है। वहीं टाटा समूह के हॉस्पिटल हैं जिनसे चिकित्सा के क्षेत्र में भी योगदान दिया जा रहा है।
प्रो. निमसे ने बताया कि जल्द ही राज्यपाल राम नाईक से इस प्रस्ताव पर अनुमति लेकर रतन टाटा को भेजा जाएगा।
समिति ने सौंपा ड्रेसकोड, दिखेगी भारतीय संस्कृति की झलक
समिति ने डायस पर बैठने वालों के लिए अलग ड्रेस कोड रखा है। यह लोग कोई भी परिधान पहन कर आ सकते हैं। उनको उसके ऊपर से केवल अंगवस्त्र लेना होगा। कुलाधिपति (राज्यपाल) के लिए क्रीम कपड़े पर गोल्ड व मरून जरदोजी के काम वाला अंगवस्त्र निर्धारित किया गया है।
वहीं कुलपति गोल्डन कपड़े पर मरून जरदोजी के काम वाला अंगवस्त्र पहनेंगे। मुख्य अतिथि केलिए डल ऑरेंज रंग के अंगवस्त्र पर गोल्डन जरदोजी और मानद उपाधि प्राप्त करने वाले के लिए नेवी ब्लू अंगवस्त्र पर गोल्डन व मरून जरदोजी होगी।
कुलसचिव के लिए गोल्डन जरदोजी किया हरे रंग का अंगवस्त्र होगा। विद्वत यात्रा में शामिल होने वाले विद्या परिषद व कार्यपरिषद के सदस्य गोल्डन कपड़े पर मरून बॉर्डर का अंगवस्त्र लेंगे।
परिधान निर्धारण समिति के प्रस्ताव को कार्यपरिषद से स्वीकृत कराने के साथ ही कुछ अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी। पुरानी व्यवस्था में छात्र-छात्राओं से कॉशन मनी जमा कराकर किराए पर गाउन दिया जाता था।
लेकिन अब क्योंकि परिधान नए सिरे से निर्धारित हो रहे हैं और इनमें कद-काठी के अनुसार साइज का भी चक्कर होगा इसलिए कई बातों पर निर्णय लिया जाना है। समिति के सदस्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसा रास्ता निकालेगा जिससे छात्र-छात्राओं को समस्या न हो।
दीक्षांत समारोह के लिए परिधान निर्धारण समिति ने अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंप दी है। अब समिति द्वारा प्रस्तावित रिपोर्ट कार्यपरिषद में रखकर परिधान पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। सर्द मौसम को ध्यान में रखते हुए समिति ने पुरुष शिक्षकों के लिए काले रंग का बंद गले का कोट, काला पैंट और गोल्डन बॉर्डर के साथ मरून रंग का अंगवस्त्र प्रस्तावित किया है।
वहीं महिला शिक्षिकाओं को क्रीम कलर की सिल्क की साड़ी के साथ गोल्डन बॉर्डर का क्रीम ब्लाउज पहनना होगा। छात्रों के लिए मरून कुर्ते के साथ क्रीम चूड़ीदार पायजामा और मरून स्वेटर तो वहीं छात्राएं गोल्डन बॉर्डर वाली मरून साड़ी या मरून कुर्ते के साथ क्रीम चूड़ीदार पायजामा पहन सकती हैं।
कुर्ता पहनने की स्थिति में उनको चुन्नी या हिजाब भी लेना होगा। अधिक ठंड की स्थिति में वे मरून स्वेटर पहनेंगी। सभी को काले रंग का जूता अनिवार्य है।
यदि दीक्षांत समारोह के दौरान गर्मी का मौसम में होता है तो पुरुष शिक्षक क्रीम शर्ट, काला पैंट और काली सदरी पहनेंगे। इसके साथ उन्हें गोल्डन बॉर्डर वाला अंगवस्त्र लेना होगा। वहीं शिक्षिकाएं चिकन की कढ़ाई की हुई कॉटन की क्रीम साड़ी पहनेंगी। वहीं छात्र-छात्राओं के लिए दोनों मौसम में एक समान ड्रेस कोड रहेगा।