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नरेंद्र मोदी को नेता चुनने के लिए संसदीय दल की बैठक आज!(संसदीय दल ) 

नई दिल्लीःराष्ट्रपति भवन में नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण की तैयारियां करीब करीब पूरी हो गई हैं। 9 जून की शाम को शपथग्रहण में शामिल होने वाले मेहमानों की लिस्ट भी तैयार है। नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना, नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल उर्फ़ प्रचंड के शामिल होने की उम्मीद है।
नरेंद्र मोदी
नरेन्द्र मोदी को नेता चुनने के लिए शुक्रवार को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नवनिर्वाचित सांसदों (संसदीय दल )  की बैठक होने की संभावना है। इसके साथ ही मोदी का लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। शपथ ग्रहण समरोह रविवार को हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि मोदी के राजग संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार जैसे गठबंधन के वरिष्ठ सदस्य राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और उन्हें समर्थन देने वाले सांसदों की सूची सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी संभवत: रविवार को शपथ ले सकते हैं।

NDA के पास 293 सांसद हैं, जो 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के 272 के आंकड़े से अधिक है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को दिनभर बैठक की और सरकार गठन के प्रयासों को गति देने को लेकर विचार-विमर्श किया। यह बैठक भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के आवास पर हुई। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में संघ के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद थे। पार्टी नेताओं के मुताबिक, इस बैठक में भावी मंत्रिपरिषद के गठन में राजग के घटक दलों की भागीदारी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।

JDU ने उठाई अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग
सरकार गठन के प्रयासों के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई जब जेडीयू ने सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग उठा दी। नड्डा के आवास पर हुई बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री ने शाम को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। समझा जाता है कि सरकार गठन के स्वरूप पर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इस मुलाकात के दौरान चर्चा की। इस बीच, जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने गुरुवार को कहा कि मंत्रीपद का फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और हमारे नेता नीतीश कुमार जी के द्वारा तय किया जाएगा। कुमार ने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू को कितने मंत्री पद मिलने चाहिए, इस बारे में निर्णय हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (नीतीश कुमार) करेंगे, लेकिन यह ‘सम्मानजनक’ होना चाहिए।’’

मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा से 1995 से विधायक और उनके करीबी माने जाने श्रवण कुमार ने हालांकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में सम्मानजनक प्रतिनिधित्व के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए, इस बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए।’’ जेडीयू के एक अन्य नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कम से कम तीन पद मिलने चाहिए।

चिराग पासवान ने दिया बिना शर्त समर्थन
भाजपा की एक अन्य सहयोगी एवं लोजपा (आर) नेता चिराग पासवान ने कहा कि मोदी को उनकी पार्टी का समर्थन बिना शर्त है और उनके नेतृत्व में ही राजग ने बहुमत हासिल किया है। पासवान भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाने वालों प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं। ‘अग्निपथ’ योजना की समीक्षा की जेडीयू की मांग के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा कि मोदी ने बुधवार को राजग की बैठक में कहा था कि वह विभिन्न मुद्दों पर सहयोगियों से सुझाव लेने को तैयार हैं। इस मुद्दे पर सीधे टिप्पणी किए बिना युवा सांसद ने कहा, ‘‘वास्तव में उन्होंने हमें बोलने के लिए प्रोत्साहित किया।’’

नीतीश ने BJP को समर्थन के बदले में शर्तें रखी हैं?
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने इससे पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘मतदाताओं में (अल्पकालिक सेना भर्ती) अग्निपथ योजना को लेकर गुस्सा है। हमारी पार्टी उन कमियों को दूर करना चाहती है।’’ शिवसेना सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि उनके बेटे और तीन बार के सांसद श्रीकांत शिंदे के बजाय अन्य वरिष्ठ सांसदों को मंत्री पद देने पर विचार किया जाए। सूत्र ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने हमेशा कहा है कि एक राजा का बेटा जरूरी नहीं कि राजा बने। जो भी काम करेगा वह राजा बनेगा।’’ सूत्र के अनुसार, एकनाथ शिंदे ने हमेशा कहा है कि पारिवारिक संबंधों पर योग्यता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजग के सभी घटक शुक्रवार को मोदी को नए प्रधानमंत्री के रूप में अपना समर्थन देने वाले पत्र राष्ट्रपति को सौंप सकते हैं।

गठबंधन सरकार के मुखिया के रूप में तीसरी बार शपथ लेने की तैयारी कर रहे मोदी ने बुधवार को सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों की एक बैठक की अध्यक्षता की थी, जिन्होंने उन्हें सर्वसम्मति से अपना नेता चुना था। भाजपा के सहयोगी दल जेडीयू के नेताओं ने भी पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सरकार गठन और उसमें अपनी भूमिका को लेकर विचार-विमर्श किया। जेडीयू ने हालांकि इस मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि बिहार में अपनी स्थिति सुदृढ़ करने के लिए जेडीयू कुछ प्रमुख मंत्री पद प्राप्त करना चाहती है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में उसकी राजनीतिक ताकत कमजोर हुई है। राज्य विधानसभा में वह राष्ट्रीय जनता दल और भाजपा के बाद तीसरे स्थान पर है।

लोकसभा स्पीकर पद मांग रहे चंद्रबाबू नायडू?
भाजपा नेता मंत्री पद और अन्य मुद्दों को लेकर सहयोगियों के संपर्क में हैं। नायडू चाहते हैं कि केंद्र आंध्र प्रदेश को अमरावती में राजधानी बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करे। सूत्रों ने बताया कि वह यह भी चाहते हैं कि नयी सरकार पृथक तेलंगाना राज्य के बाद आंध्र प्रदेश के लिए जताई गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करे। आज दिन भर अटकलों का दौर जारी रहा। कोई दावा कर रहा है कि चन्द्रबाबू नायडू ने स्पीकर की कुर्सी पर दावा ठोंक दिया है। नायडू ने चार कैबिनेट पोस्ट मांगी है। कोई कोई तो मंत्रालय भी बता रहा है। दावा ये भी किया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने भी मंत्रिमंडल में अपनी हिस्सेदारी और मंत्रालयों की लिस्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दे दी है।

इस बार लोकसभा चुनाव में जेडीयू का प्रदर्शन ठीक रहा है। उसने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की 16 सीटों के बाद जेडीयू भाजपा की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है। नई सरकार के अस्तित्व के लिए भाजपा को इन दोनों दलों पर निर्भर रहना होगा।

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