धर्म - अध्यात्म
ये हैं दाती महाराज के 5 उपाय, धन लाभ के लिए ऐसे जलाएं दीपक
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ हो तो व्यक्ति को सफलता नहीं मिल पाती है और घर-परिवार में क्लेश बना रहता है। शनि से शुभ फल पाने के लिए यहां जानिए दाती महाराज द्वारा बताए गए कुछ ऐसे उपाय, जिनसे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और परेशानियां दूर होती हैं।
धन संबंधी हर परेशानी दूर करने के लिए
सुबह-शाम शनि देव के सामने या घर के मंदिर में सरसो के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही, इन मंत्रों का जप करें।
मंत्र 1. नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामी शनैश्चरम्॥
मंत्र 2. ऊँ नमो भगवते शनिश्चराय सूर्य पुत्राय नम:।
इन तीनों मंत्रों का जप 108-108 बार करना चाहिए। साथ ही, शनि की पूजा करें।
इन मंत्रों से घर में बरकत रहती है और सफलता मिलती है।
धन प्राप्ति के लिए
किसी भी शनिवार सुबह 4-6 बजे की बीच जागें और नित्य कर्मों से निवृत्त होकर यहां बताया जा रहा उपाय करें। ये उपाय लगातार 40 शनिवार करना है।
श्रद्धानुसार तिल ले लें। लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर तिल से आठ (8) का अंक बनाएं। इसके बाद इस अंक पर आठ दीपक सरसो के तेल के जलाएं। शनिदेव का पूजन करें। इसके बाद इस मंत्र का जप करें।
मंत्र-ऊँ शं शनैश्चराय नम: ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया। कंटकी कलही चाथ तुरंगी महिषी अजा ऊँ शं शनैश्चराय नम:।
इस मंत्र तीन माला जप करें। मंत्र जप के बाद तिल के बराबर शकर मिलाकर चीटियों को खिला दें। ये उपाय 40 शनिवार करें। सभी बाधाएं दूर होंगी और धन लाभ के योग बनेंगे।
बीमारियां दूर करने के लिए
सुबह 4-6 के बीच नित्य कर्मों के बाद ये उपाय करें। गंगाजल लें और उसमें तुलसी के 7 पत्ते डाल दें। इसके बाद सरसो के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद दशरथ शनि स्रोत्र के सात पाठ करें। इसके बाद तुलसी के सात पत्ते रोगी निगल जाएं। जल पीपल में अर्पित कर दें।
दशरथ शनि स्रोत्र
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।।१।।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।२।।
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।३।।
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।४।।
नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।५।।
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिाणाय नमोऽस्तुते।।६।।
तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।७।।
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।८।।
देवासुरमनुष्याश्च सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।९।।
प्रसाद कुरुमे देव वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।१०।।
वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर करने के लिए
19 हाथ लंबा धागा लें और शनिवार को इस धागा को माला बना लें। इस माला में 8 गांठ लगा लें। जल-गंगाजल से धागे को पवित्र करें। आठों गांठों पर कुमकुम-केसर से तिलक करें। सामने रखें और पंचोपचार पूजन करें। धूप, दीप, नैवैद्य, पुष्प और चावल चढ़ाएं। शनि मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। का 8 माला जप करें।
इसके बाद इस धागे की माला को हाथ में लेकर हर एक गांठ पर हाथ रखते हुए इस शनि मंत्र का 11-11 बार जप करें। इससे सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।
बुरी नजर दूर करने के लिए
एक रोटी लें, उस पर गुड़ रखें। इसके बाद ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का 108 बार जप करें। इसके बाद इस रोटी और गुड़ को अपने ऊपर से सात बार वार लें और किसी कुत्ते को खाने को दें। इससे बुरी नजर का प्रभाव खत्म हो सकता है।
इन उपायों के साथ ही व्यक्ति को धार्मिक आचरण बनाए रखना चाहिए। बुरी बातों से बचें। तभी ये उपाय शुभ फल प्रदान करते हैं।